यहां तो ट्रेन की बोगियों में भी बन रही सरकार
संजय सिंह
सिंगरामऊ (जौनपुर) : चुनावी महापर्व में ट्रेन हो आटो रिक्शा हर जगह चुनावी बहस जारी है। अब वो सार्थक हो या निरर्थक लेकिन चल यही रही है। यहां काशी से लेकर सुल्तानपुर तक के प्रत्याशी को जीतने एवं सेंट्रल में सरकार बनाने तक की बहस परवान चढ़ चुकी है। लोग ताल ठोंककर अपनी बात पूरी दृढ़ता के साथ रखते हैं और अगला उसका विरोध करता है। घंटे भर से अधिक समय तक ट्रेन की बोगी में राजनीतिक गतिविधियां ऐसी रही कि मानो ये लोग अपने विशेष कार्य के लिए गंतव्य को नहीं जा रहे बल्कि चुनावी प्रचार करके अमुक के बारे में माहौल बना रहे हैं।
सुल्तानपुर-जौनपुर-वाराणसी (एसजेवी पैसेंजर) ट्रेन पर मंगलवार को 'जागरण प्रतिनिधि' ने चुनावी चक्रम के लिए यात्रा की तो चुनावी स्टोरी सामने है। 7.45 बजे हरपालगंज स्टेशन पर एसजेवी आकर रुकी तो टिकट बेटिकट सभी यात्री बेहिचक सवार हो गए। पांच मिनट बाद ट्रेन छूटी, पहितियापुर पुल के बाद फत्तूपुर रेलवे क्रासिंग के बीच सात युवाओं ने बहस छेड़ दी। जौनपुर से फलां, काशी से मोदी, सुल्तानपुर से वरुण को जिता दिया। खानपुर के रमापति मौर्य ने पहले तो खड़ी हिंदी में बोलना शुरू किया बाद में ठेठऊ पर उतर आये। बोले हमसी पूछा चुनावी रुझान, हम बताऊब, हम विधानसभा चुनाव लड़ै हई। पूरा तजुर्बा बा हमरे पास। आंख मूनी के बाद सपा के वोट द, उही में कल्याण बा। राजू उखड़ गये बोले तू खाली गांऊ क राजनीति करा। तोहरे पास कौनौ अनुभव नाई ना, परधानी, विधायकी कुल त हारि गया। बहुर गांव के ज्ञान प्रकाश ने कटाक्ष किया कि सपा से कुछ पाया का हो, खूब जमि के माहौल बनावत हया। यहां मित्र मंडली यात्रा कर रही थी। इसलिए आपस में ही भिड़े थे। सरायहरखू स्टेशन पर बोगी बदली तो मोदी के लहर चलत बा सब ओनहीं से लड़िहैं। यह बात की महराजगंज के प्रमोद ने। भलुआही के गुड्डू ने भी उनकी बात का समर्थन किया लेकिन जौनपुर की उम्मीदवारी पर आक्रोश व्यक्त किया। सिंगरामऊ के राजेश निगम भाजपा को जिता रहे हैं। गुरुदीन पूछे कि प्रत्याशी देखे अहा, बोले नहीं, तब का ऊंची उड़ान भरत अहा। अरे यार सिर्फ मोदी के देखा और कुछ नाहीं। भाजपा के देखबा तो हाथी जाये संसद भवन। मोदी के वोट देई क होई तो बनारस चला जाया वोट देइ। अरे यार माहौल जिन खराब करा। बहस तेजी पकड़ी तो बोगी के और लोग आ गए श्रोता बनकर। सब मुस्कुराकर बहस का आनंद ले रहे हैं।
अरे ई का सिटी आई ग का हो अरे यार जौने परपंच में पड़ि गये कि पतई नाई चला, भरथू बारी ने यह बात कही। बकायदा हाथ जोड़ा और सबसे निवेदन किय कि नेहरू-गांधी राष्ट्र के नाम पर रवि को वोट दीजिए। यह सुपर स्टार सबको धकियाते हुए पार्टी का टिकट लेकर आये हैं। जमील खान अपना धंधा बदल दिए हैं और चुपके-चुपके सपा के प्रचार में है। दिनेश परधान ने बताया कि माहौल एकदम कांग्रेस के अनुकूल है और केंद्र में सप्रंग की सरकार बनने जा रही है। का हो जफराबाद में उतरबा का, कहां जात अहा। कुछ नाई गुरु बस सही माहौल जानै के खातिर ट्रेन में सफर के हे बड़ा मजा आया। दो बोगी मे इतनी लड़ाई तो पूरी ट्रेन का क्या होगा। धन्य है महापर्व, धन्य है लोकतंत्र, बहस सिर्फ और सिर्फ चुनाव की चल रही है।