फीकी हो गयी उरई के प्रसिद्ध गुलाब जामुन की मिठास
उरई, जागरण संवाददाता : जब कहीं की प्रसिद्ध चीज की बात होती है तो उरई के गुलाब जामुन की चर्चा जरूर हो
उरई, जागरण संवाददाता : जब कहीं की प्रसिद्ध चीज की बात होती है तो उरई के गुलाब जामुन की चर्चा जरूर होती है। यहां के रसगुल्ले की पहचान देश के तमाम स्थानों पर है। लोग जब भी यहां से गुजरते हैं तो रसगुल्ला लेना नहीं भूलते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई को भी उरई के गुलाब जामुन बेहद पसंद थे लेकिन वर्तमान में नोटबंदी के बाद से इस रसगुल्ले की मिठास फीकी पड़ गयी है। अब तो आधे से भी कम बिक्री रह गयी है। नोटबंदी की मार से रसगुल्ले का व्यापार भी प्रभावित हुआ है।
वैसे तो देश के तमाम स्थानों की कोई न कोई वस्तु प्रसिद्ध है। लोग उसके स्वाद के लिए जानते हैं और चर्चा भी करते हैं लेकिन उरई के गुलाब जामुन की बात ही अलग है। यहां का रसगुल्ला देश की तमाम जगहों में अपनी पहचान बना चुका है। यही वजह है कि जब भी कोई ट्रेन उरई रेलवे स्टेशन पर रुकती है तो लोग रसगुल्ला पैक कराने के लिए उतर पड़ते हैं। ट्रेन खड़ी होते ही इतनी भीड़ हो जाती है कि दुकानदार को रसगुल्ले पैक करना मुश्किल पड़ जाता है। हर कोई यहां के रसगुल्ले को अपने साथ ले जाना चाहता है ताकि इसके स्वाद से अपने करीबियों को परिचित करा सके। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई जब भी ट्रेन मार्ग से यहां से गुजरते थे तो वह रसगुल्ले का स्वाद लिए बिना नहीं रहते थे। छात्र जीवन के दौरान उन्होंने तमाम बार उरई के गुलाब जामुन का स्वाद लिया। अब नोटबंदी के बाद रसगुल्ले की मिठास फीकी हो गयी है। बिक्री आधी भी नहीं रह गयी है। दुकानदार शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि इस समय बुरी हालत चल रही है। इतनी बुरी हालत कभी भी नहीं रही। दिन भर माल बनाना पड़ता था अब तो सुबह बना लो वही बिक जाये बहुत है। दुकानदार ने बताया कि उनके पिता जी बताते थे कि अटल जी को इन रसगुल्लों से बेहद लगाव था। साहित्यकार अयोध्या प्रसाद गुप्त के अनुसार जब अटल जी बड़े नेता बन गये उसके बाद भी जब वह ट्रेन के रास्ते यहां से गुजरते थे तो किसी न किसी करीबी से रसगुल्ले पैक करवाने के लिए कह देते थे।