विहिप ने शौर्य और ओलमा कौंसिल ने मनाया काला दिवस
उरई, जागरण संवाददाता : अयोध्या के विवादित ढांचा के ध्वस्त करने की बरसी को विश्व ¨हदू परिषद ने मंगलवा
उरई, जागरण संवाददाता : अयोध्या के विवादित ढांचा के ध्वस्त करने की बरसी को विश्व ¨हदू परिषद ने मंगलवार को शौर्य दिवस और राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल ने काला दिवस के रूप में मनाया।
विहिप द्वारा ठड़ेश्वरी मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष इंद्रपाल ¨सह चौहान ने कहा कि विहिप कार्यकर्ताओं ने 6 दिसंबर 1992 को अपनी वीरता का परिचय देते हुए इस ढांचे का विध्वंस कर दिया गया था। जिला मंत्री बलवीर ¨सह जादौन ने कहा कि प्राचीन समय से ही अयोध्या में ही राम जन्मभूमि थी। विदेशी आक्रमणकर्ता बाबर ने वहां बने जन्मभूमि मंदिर को तोड़कर विवादित बाबरी ढांचा बना दिया गया था। जिला उपाध्यक्ष इंदेश्वर दयाल अवस्थी ने कहा कि ¨हदू उदारवाद का ही परिणाम है कि देश को एक हजार से अधिक वर्षों तक गुलामी झेलनी पड़ी। जिला सहमंत्री जितेंद्र तिवारी ने कहा कि मुगलकाल में देश में 30 हजार मठ-मंदिर तोड़े गए और उन पर मस्जिद-मकबरा बना दिए गए। विहिप इनके बदले सिर्फ मथुरा, अयोध्या, काशी में मंदिरों का निर्माण चाहती है। डा. नवाब ¨सह जादौन, रविकांत चमारी रामवीर ¨सह राजावत, रजनीकांत दुबे, अजय महतेले ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर दुष्यंत ¨सह, निमिष चौरसिया, शिवनारायण सैनी, प्रशांत तिवारी, बृजेंद्र ¨सह, जगतनारायण दुबे, राजेंद्र कुमार, रामकुमार गुप्ता समेत कई लोग मौजूद रहे।
उधर, राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल ने काला दिवस मनाया। बुंदेलखंड प्रभारी मुबारक खान ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 देश के इतिहास का काला दिन था। जब ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद को ढहा दिया गया। इस घटना के 24 वर्ष बाद भी न्याय नहीं हो सका है। लिब्राहन कमीशन ने भी अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया कि मस्जिद को योजनाबद्ध ढंग से ढहाया गया। अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे। कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा। इस मौके पर माजिद खान, अबरार अहमद, मुजीबुर्रहमान, सोनू, मोनू, आकिब, शाकिब, शाहिद, तारिक, अलीम, मुन्ना, महबूब मौजूद रहे।