चार भाइयों को दिव्यांग देख डीएम द्रवित
उरई, जागरण संवाददाता : कुछ प्रकरण ऐसे देखने को मिल जाते हैं कि दिल पसीजना स्वाभाविक है। बुधवार को इस
उरई, जागरण संवाददाता : कुछ प्रकरण ऐसे देखने को मिल जाते हैं कि दिल पसीजना स्वाभाविक है। बुधवार को इसी तरह का मामला कलेक्ट्रेट में दिखाई दिया। रामपुरा विकास खंड के ग्राम गोरा चिरैया निवासी सुशील कुमार अपने चार विकलांग बच्चों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय अपनी व्यथा बताने पहुंचे तो बच्चों को देखकर डीएम द्रवित हो गयीं। उन्होंने पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता अपने पास से और पांच हजार रुपये राइफल क्लब से दिए। साथ ही परिवार के लिए एक इंदिरा आवास, बच्चों के पिता का जॉबकार्ड और बच्चों के विकलांग प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश भी दिए।
ग्राम गोरा चिरैया के निवासी सुशील कुमार बुधवार को बच्चों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने डीएम को अपनी समस्या बताते हुए कहा कि बच्चे चार वर्ष तक तो एकदम स्वस्थ्य रहे लेकिन पांचवे वर्ष में प्रवेश करते ही यह विकलांग हो गये। बच्चों का इलाज कराने के लिए वह दिल्ली तक डाक्टरों को दिखाकर आये हैं। गरीब होने के कारण उसके पास पैसा नहीं है। जिससे आगे का इलाज कराने में वह असमर्थ है। उसने कहा कि बच्चों की देखभाल करने के लिए दो लोग चाहिए। बच्चे उठ बैठ भी नहीं पाते हैं जिससे वह काम करने भी नहीं जा पाता है। गांव में मजदूरी कर ले लेकिन उसका जॉबकार्ड निरस्त कर दिया गया है। डीएम ने बच्चों की हालत देखी तो वह द्रवित हो गयीं। उन्होंने अपने पास से पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी साथ ही राइफल क्लब से भी पांच हजार की मदद की। उन्होंने एक इंदिरा आवास, बच्चों के पिता का जाबकार्ड और बच्चों के विकलांग प्रमाण पत्र बनाये जाने के निर्देश दिए। साथ ही आश्वासन दिया कि बच्चों के लिए जो संभव मदद हो सकेगी की जायेगी।