यमुना का जलस्तर घटने से राहत
कालपी, संवाद सहयोगी : यमुना नदी के बाढ़ का पानी खतरे से निशान से .75 सेमी घट जाने से बाढ़ से प्रभावि
कालपी, संवाद सहयोगी : यमुना नदी के बाढ़ का पानी खतरे से निशान से .75 सेमी घट जाने से बाढ़ से प्रभावित गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है। केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने भी यमुना का जलस्तर घटने की बात कही है।
विगत 26 जुलाई को यमुना का जलस्तर कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने की वजह से बढ़ना शुरू हो गया और 29 जुलाई रात तक खतरे के निशान 108 मीटर के करीब पहुंच गया था। जिससे कई गांवों में पानी भरने से बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। तहसीलदार मोतीलाल सरोज ने बताया कि सभी चौकियों में तैनात कर्मचारी पानी घटने की लगातार सूचना दे रहे हैं। यमुना का जलस्तर बुधवार की दोपहर को स्थिर हो गया था और रात में घटना शुरू हुआ। गुरुवार की दोपहर तक जलस्तर में कमी आने से लोगों को राहत मिली। महेबा ब्लाक, कदौरा ब्लाक के कई गांवों में पानी भरने से उनकी फसलें डूब गयी थीं। जिससे फसल सड़ने का खतरा बढ़ता जा रहा है। अगर जलस्तर में तेजी से कमी आती है तो फसलों को बचाया जा सकता है।
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श्रद्धालुओं को होगी दिक्कत
शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर यमुना नदी में बाढ़ के कारण श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि यमुना का जलस्तर बढ़ा हुआ है जिससे सभी घाट डूबे हुए हैं ऐसे में श्रद्धालुओं को यमुना में स्नान करना खतरे से खाली नहीं है।