मिड डे-मील बांटने पर फिर सकता पानी
उरई, जागरण संवाददाता : छुट्टियों में मिड डे मील वितरित की जाने की योजना भले ही अच्छी है लेकिन शिक्षक
उरई, जागरण संवाददाता : छुट्टियों में मिड डे मील वितरित की जाने की योजना भले ही अच्छी है लेकिन शिक्षक इसको हजम नहीं कर पा रहे हैं। जिसके चलते इस मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। इसकी बानगी अभी से दिखाई पड़ने लगी है। स्कूलों में ताला लटका रहता है और बच्चे बिना भोजन किये वापस लौट रहे हैं। कुछ प्रधान भी इस योजना को बेहतर नहीं मान रहे हैं।
इस बार फसलों को नुकसान होने के चलते शासन ने गर्मियों की छुट्टी में भी परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील वितरित करने की योजना तैयार की है। ताकि गरीब बच्चों को एक वक्त भोजन नसीब हो सके। इसके लिए निर्देश भी जारी किये जा चुके हैं लेकिन योजना के शुरुआती चरण में ही विरोध शुरू हो गया है। शिक्षक अवकाश के दिनों में स्कूल खोलने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। जिसके चलते इस योजना पर पानी फिर सकता है। जिला प्रशासन द्वारा की गयी सारी तैयारियां बेकार साबित होंगी। एक लिहाज से योजना को अच्छा माना जा रहा है लेकिन जब कर्ता धर्ता ही इससे पीछे हट रहे हैं तो मिड डे मील वितरण कारगर होना संभव ही नहीं है। शिक्षक ही नहीं कुछ प्रधान इसे अच्छा मान रहे है तो कुछ विरोध भी कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग का कहना है कि शासन का आदेश है तो योजना को हरहाल में क्रियान्वित कराया जायेगा। इससे शिक्षकों और बेसिक शिक्षा विभाग के बीच रार भी बढ़ सकती है। फिलहाल स्थित यह है कि स्कूल नहीं खोले जा रहे हैं, जिसके चलते बच्चों को भूखा ही लौटना पड़ता है।
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शिक्षक नेता बोले
शिक्षकों को परेशान करने के लिए यह सब किया जा रहा है। अवकाश के दिनों में मिडडे-मील योजना चलाना कतई उचित नहीं है। सरकार मिड डे मील वितरित कराना चाहती है तो इसके लिए कोई अन्य व्यवस्था करे। शिक्षकों को कतई परेशान न किया जाये। प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज करायेगा।- महेंद्र ¨सह भाटिया जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ
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गर्मियों की छुट्टी में शिक्षक अपने व्यक्तिगत काम करते हैं। साल भर स्कूल से ही फुरसत नहीं मिलती है। अब अवकाश के दिनों का सुकून भी छीनने का काम किया जा रहा है। इसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। शिक्षक इसका विरोध करेंगे। हर काम शिक्षकों पर ही थोप दिया जाता है। - युद्धवीर कंथरिया शिक्षक नेता
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ग्रीष्मकालीन अवकाश में शिक्षक अपने-अपने कार्य से बाहर जाते हैं। ऐसे में अब गर्मियों के अवकाश में खाना बनवाने की जिम्मेदारी देने की नई परम्परा शुरू की जा रही है। इस नए आदेश का हर स्तर पर विरोध होगा। कारण अगर एक बार यह आदेश लागू हो गया तो हर वर्ष शिक्षक ग्रीष्मकालीन अवकाश में खाना ही बनवाता रहेगा। - नरेश निरंजन, शिक्षक नेता
प्रधान बोले
अवकाश के दिनों में स्कूल खोलकर मिड डे मील वितरित किये जाने की योजना निरर्थक साबित होगी। शिक्षक ही नहीं आयेंगे तो प्रधान कहां से मिड डे मील बनवा लेगें। अवकाश के दिनों में इस योजना को रोक देना ही उचित रहेगा। अभिलाष ग्राम प्रधान भिटौरा
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इस वर्ष फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए हुए सरकार ने अवकाश के दिनों में मिड डे मील वितरण की योजना सही बनाई है। इससे गरीब घरों के बच्चों को एक वक्त भरपेट भोजन तो मिल जायेगा। योजना संचालित हुई तो पूरा सहयोग किया जायेगा। सत्येंद्र ग्राम प्रधान डिकौली
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सूखा और ओलावृष्टि को देखते हुए हर हाल में मध्यान्ह भोजन योजना लागू होनी चाहिए। बच्चों के हित में शिक्षकों को भी अपना सहयोग करना चाहिए। जिससे गरीब बच्चों को एक समय पौष्टिक भोजन मिल सकेगा।
राम शंकर निषाद, ग्राम प्रधान महल्लानपुरवा
किसान बोले
जब स्कूल खुलते थे तब तो मिड डे मील बच्चों को मिलता नहीं था। शिक्षकों का जब मन आता था तो बनवा देते थे। अब गर्मियों में योजना को शुरू किया जा रहा है। सफलता मिली तो अच्छी बात है। ब्रजेश
मिड डे मील छुट्टियों में बनना अच्छा रहेगा। बहुत से गरीब लोग है जिनके पास दोनों वक्त की रोटी नहीं जुट पाती। कम से कम बच्चे तो भूखे नहीं रहेंगे। योजना बहुत अच्छी है। दशरथ
जब छुट्टियां नहीं रहती हैं तब भी स्कूल नहीं खुलते थे तो अब स्कूल खुलने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। शिक्षक आते ही नहीं है। महीने में दस दिन भी स्कूल खुल जायें तो बहुत है। संतकुमार
मंशा भले ही अच्छी है लेकिन योजना क्रियान्वित हो जाये तब माना जाये। पहले की तरह अब भी लापरवाही की जायेगी तो योजना को संचालित करने से क्या लाभ है। सुनील