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अड़े शिक्षक, नहीं शुरू हुआ मूल्यांकन

उरई, जागरण संवाददाता : हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन तीसरे दिन भी शुरू न

By Edited By: Published: Wed, 01 Apr 2015 05:35 PM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2015 04:27 AM (IST)
अड़े शिक्षक, नहीं शुरू हुआ मूल्यांकन

उरई, जागरण संवाददाता : हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन तीसरे दिन भी शुरू नहीं हो पाया, बल्कि वित्त विहीन शिक्षकों के तेवर और आक्रामक हो गए। किसी भी केंद्र पर एक भी कांपी नहीं जांची जा सकी। तीनों केंद्रों के सामने कोठार के सामने ही शिक्षकों ने धरना दिया।

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विदित हो कि वित्त विहीन इंटर कालेजों में शिक्षण करने वाले शिक्षक मानदेय की मांग कर रहे हैं। चूंकि सरकार ने ही उन्हें मानदेय देने का वायदा किया था। वित्त विहीन शिक्षकों के लिए अपनी मांगे मनवाने के लिए शायद इससे अच्छा अवसर नहीं मिलेगा। परीक्षाफल समय पर जारी हो इसलिये कापियों का समय पर मूल्यांकन आवश्यक है, परंतु मानदेय की मांग पर अड़े वित्त विहीन शिक्षकों के रुख को देखते हुए यह मुश्किल लग रहा है। बुधवार को भी एक भी मूल्यांकन केंद्र पर कापियां जांचने का काम शुरू नहीं हो पाया। शिक्षक नेता डा. विनोद अहिरवार ने कहा कि वित्त विहीन शिक्षकों की मांगे नहीं मानी गईं तो आंदोलन किसी भी हद तक जा सकता है। जब वित्त विहीन शिक्षकों की मांगे पूरी नहीं होंगी कांपी नहीं जांची जाएंगी। इस मुद्दे पर सभी शिक्षक एक साथ हैं। जिले में तीन केंद्रों पर 4 लाख 30 हजार उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाना है। जिसके लिए 1303 परीक्षकों को ड्यूटी लगी है। इनमें साठ फीसदी से ज्यादा वित्त विहीन शिक्षक हैं। इसी वजह से मूल्यांकन का बहिष्कार करने में सफल रहे। अन्य शिक्षक संगठनों का समर्थन हासिल होने से उन्हें और बल मिल गया है। उधर शिक्षकों के कापियां जांचने से मना किए जाने से मूल्यांकन केंद्रों को प्रभारी भी खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। तीनों केंद्र में व्यवस्थिति तरीके से कापियों के मूल्यांकन के लिए टोलियां बनायी गईं हैं। तीनों की मूल्यांकन केंद्रों पर कोठार के सामने ही शिक्षकों ने धरना दिया। इस दौरान अशोक राठौर, नारायण हरि अवस्थी, गिरेंद्र सिंह कुशवाहा, विनोद पाठक छेदालाल चंदेल, अंगद सिंह, जागेश्वर दयाल, प्रशांत, पवन शर्मा, डा. विनोद अहिरवार, जितेंद्र काजू, ठा. लाल प्रताप सिंह, हरनारायण पाल आदि मौजूद रहे। शिक्षकों ने साफ कहा कि जब तक मुख्यमंत्री सीधे इस संबंध में कोई आश्वासन नहीं देते, वे अपने कदम वापस नहीं खीचेंगे।


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