गोशब्द के श्रवण मात्र से हृदय होता गदगद
कालपी, संवाद सहयोगी : जिस भारत में दूध दही की नदियां बहती कही जाती है। वहां आज शुद्ध नहीं मिल पाता ह
कालपी, संवाद सहयोगी : जिस भारत में दूध दही की नदियां बहती कही जाती है। वहां आज शुद्ध नहीं मिल पाता है। यह गोवंश की कमी के कारण है। भारत वर्ष में अनादिकाल से गोवंश को वंदनीय और रक्षणीय माना गया है।
यह बात गोपाष्टमी के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के नगर अध्यक्ष रामऋषि मेहरोत्रा ने वनखंडी देवी शक्ति पीठ में गौ पूजन के दौरान कही। उन्होंने बताया कि गौ शब्द के श्रवण मात्र से हमारा हृदय गदगद हो जाता है और हमारे अंतस्तल से करुणा का स्त्रोत उमड़ पड़ता है। गौ हमारे धर्म और संस्कृति का प्रतीक तथा हमारे राष्ट्र जीवन का प्राण है। इस मौके पर गाय को अघो वस्ज्ञ व श्रंगार कर उसका पूजन अर्चना किया गया तथा भोग लगाकर लोगों को प्रसाद भी बांटा गया। इसके साथ ही लोगों से आह्वान किया गया कि वे सिर्फ गाय के दूध व दही से निर्मित पदार्थो का ही इस्तेमाल करें। जिससे गाय की मांग में बढ़ोत्तरी हो सके। उन्होंने गोवंश रोकने को भी अपील जनता से की और कहा कि लोग अपने बुद्धि विवेक तथा धन से गोवध रोकने का निश्चय करें तो देश फले फूले। इस मौके पर डा. ब्रज गोपाल द्विवेदी, सर्वेश, राजकुमार बाल्मीकि, मनोज यादव, गोरक्षा प्रभारी बाबू सिंह, डा. सुरेश प्रजापति, पंकज वर्मा, राहुल पाठक, छोटेलाल समेत कई लोग मौजूद रहे।
खुलेगी विशाल गोशाला
नगर के प्रसिद्ध लक्ष्मी नारायण मंदिर बड़े स्थान मंदिर में विशाल गोशाला खोली जायेगी। यह बात मंदिर के महंत महामंडलेश्वर श्याम किशोर दास तिवारी ने बतायी। जिसमें गायों को संरक्षण दिया जायेगा।