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बागवानी के लिए बुन्देलखंड का मौसम अनुकूल

By Edited By: Published: Wed, 17 Sep 2014 06:17 PM (IST)Updated: Wed, 17 Sep 2014 06:17 PM (IST)

बुन्देलखंड में आंवला, अमरूद, बेल व नीबू की बागबानी के लिए उपयुक्त मौसम है। यहां के किसानों को इन फलों की बागवानी प्राथमिकता के आधार पर करनी चाहिए। यह बातें कृषि विज्ञान केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक मृत्युंजय कुमार सिंह ने प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि इन फलों के साथ ही पपीता व हल्दी की खेती भी यहां खूब की जा सकती है।

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प्रश्न : जिले में किन-किन फलों की बागवानी सफलतापूर्वक की जा सकती है? राम प्रसाद, कुठौंद

उत्तर : जिले में आंवला, अमरूद, बेल, बेर व नीबू की बागवानी की अच्छे से की जा सकती है।

प्रश्न : आंवला का बाग लगाना चाहता हूं, इसकी प्रजातियां व खाद के बारे में बताएं? अनुज सिंह, माधौगढ़

उत्तर : आंवला की उन्नतिशील प्रजातियां हैं, इनमें नरेन्द्र आंवला-7, 9 व 10, बलवंत आंवला इत्यादि प्रजाति है। इसमें खाद की मात्रा 1 वर्ष के पौधे में 100 ग्राम यूरिया, 50 ग्राम फास्फोरस एवं 75 ग्राम पोटाश की मात्रा देनी चाहिए।

प्रश्न : हल्दी बोने की विधि के बारे में विस्तार से बताएं? वेद प्रकाश, कालपी

उत्तर : बुवाई के लिए हल्दी की स्वस्थ रोग रहित गांठे बीज के रूप में प्रयोग करनी चाहिए। गांठ में कम से कम दो आंखें अंकुरित दशा में होनी चाहिए तथा कम से कम गांठ का वजन 25 ग्राम बोने के वक्त होना चाहिए। बोने से पहले हल्दी की गाठों को 0.3 प्रतिशत एगलाल के घोल में डुबोकर छाया में सुखा लेना चाहिए। इसके बाद उसे 45 सेमी की दूरी पर बोना चाहिए।

प्रश्न : आंवला के फल को झड़ने से रोकने के लिए क्या उपाय करने चाहिए? राकेश कुमार, बबीना

उत्तर : आंवला का फल झड़ने से रोकने के लिए 200 पीपीएम का घोल बनाने के लिए 100 लीटर पानी में 200 एमएल, एनएए को घोल कर छिड़काव करें।

प्रश्न : अमरूद में छूत की बीमारी लगी है, क्या करें? राम दत्त, एट

उत्तर : अमरूद की जड़ों में 20-25 ग्राम ट्राईकोडर्मा या वाविस्टीन 10-15 लीटर पानी में घोल कर डालें।

प्रश्न : खेत में दीमक का प्रयोग ज्यादा है, उपचार बताएं? अंजनी सिंह, चुर्खी

उत्तर : 1 कुंतल रबली एक एकड़ में डालने से दीमक मर जाएगी या क्लोरफाइरीफास 3.3 लीटर प्रति हेक्टेअर की दर से पलेवा के पानी के साथ लगाए।

प्रश्न : पपीता की अच्छी उपज के लिए कितनी खाद देनी चाहिए? योगेश सिंह, डकोर

उत्तर : पपीते में अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 250 ग्राम नत्रजन, 150 ग्राम फास्फोरस व 250 ग्राम पोटाश प्रति पौधा प्रति वर्ष देना चाहिए।

प्रश्न : केला की बागवानी करनी है, कौन सी प्रजाति ठीक है और पौध कहां से प्राप्त होगी? अवधेश प्रजापति, रामपुरा

उत्तर : केला के लिए हरी छाल अच्छी प्रजाति है। इसके साथ ही टिशु कल्चर की पौध भी ले सकते हैं।

प्रश्न : आलू में तना सड़ता हे, उपचार करें? विमलेश कुमार, महोना

उत्तर : कार्बेडाजिम 50 ग्राम को 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

प्रश्न : मशरूम की खेती करना चाहता हूं, जानकारी कहां से प्राप्त करें? धर्मेन्द्र, कोटरा

उत्तर : मशरूम की उत्पादन प्रशिक्षण आदि हेतु आप अध्यक्ष पादप रोग विज्ञान विभाग चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर से संपर्क कर सकते हैं।

प्रश्न : वैज्ञानिक विधि से नर्सरी तैयार करने के उपाय बताएं? अतुल पांडेय, ईंटो

उत्तर : नर्सरी तैयार करने के लिए 5 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद, 40 ग्राम डीएपी, 10 ग्राम क्यूरेट आफ पोटाश एवं 5 ग्राम यूरिया प्रति मीटर मिलाएं। नर्सरी में रोग एवं कीट से बचाने के लिए 3 ग्राम क्यूरेडान या 10 ग्राम थीमेट एक लीटर पानी में घोलकर प्रतिवर्ग मीटर बुवाई से 3 दिन पूर्व प्रयोग करें।


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