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राशन वितरण प्रणाली को कैशलेस करने में अड़चन

संवाद सहयोगी, हाथरस: शासन ने भले ही राशन वितरण प्रणाली को कैशलेस किए जाने के निर्देश जारी कर दिए हों

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 11:51 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 11:51 PM (IST)
राशन वितरण प्रणाली को कैशलेस करने में अड़चन
राशन वितरण प्रणाली को कैशलेस करने में अड़चन

संवाद सहयोगी, हाथरस: शासन ने भले ही राशन वितरण प्रणाली को कैशलेस किए जाने के निर्देश जारी कर दिए हों, लेकिन अभी इस सिस्टम को लागू करने में तमाम अड़चने खड़ी हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत चयनित पात्र गृहस्थी परिवारों के 71 फीसद राशन कार्ड ही आधार कार्ड से जुड़े हैं। ऐसे में योजना के लागू होने पर 29 फीसद परिवार खाद्यान्न से वंचित रह सकते हैं। इसके अलावा उपभोक्ताओं से खाद्यान्न की कीमत वसूलने में भी आनलाइन सिस्टम लगाने में काफी परेशानियां महसूस होंगी।

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केंद्र सरकार खाद्यान्न वितरण प्रणाली को कैशलेस करने जा रही है। इसके लिए प्रयोग के तौर पर जिले की आठ दुकानों को अगले महीने मार्च से कैशलेस किया जाना है। जिला पूर्ति विभाग ने योजना में ऐसी दुकानों का चयन किया है, जो आधार कार्ड से अधिक से अधिक ¨लक हों। इसके लिए सभी राशन उपभोक्ताओं के बैंक खातों को आधार से ¨लक किए जाने के निर्देश दिए हैं। ताकि मोबाइल से एप या एमएसएस के जरिये खाद्यान्न का भुगतान सीधे राशन डीलर के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जा सके। इसके लिए बैंक के सहयोग के बिना कैशलेस व्यवस्था को अंजाम नहीं दिया जा सकता। क्योंकि राशन डीलर से जुड़े सभी खातों को मोबाइल व आधार से ¨लक किया जाएगा। इसके बाद आनलाइन एप या एसएमएस के जरिये ही धनराशि ट्रांसफर हो सकती है। इसके लिए सबसे बड़ी परेशानी राशन उपभोक्ता व डीलरों को होगी। क्योंकि ज्यादातर उपभोक्ता या तो मोबाइल के संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं। ऐसे में राशन डीलर को फंड ट्रांसफर के लिए एक आदमी अलग से बैठाकर आनलाइन ट्रांजक्शन की प्रक्रिया को अंजाम देना होगा। इससे राशन डीलर की बचत में निश्चित तौर पर कटौती होना स्वाभाविक है। इसे लेकर तमाम डीलर अभी भी आशंकित हैं कि आखिर वह इस प्रक्रिया को कैसे अंजाम दे पायेंगे।

इनका कहना है.

शासन की योजना के तहत राशन दुकानों को कैशलेस किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए सभी राशन डीलरों से उनसे जुड़े उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर, आधार कार्ड व बैंक खाते मांगे जा रहे हैं। इन्हें बैंक से आपस में ¨लक कराकर कैशलेस व्यवस्था का अंजाम दिया जाएगा।

-सुरेंद्र यादव, जिला पूर्ति अधिकारी


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