जलभराव से दलदल और सड़ांध
नीरज सौंखिया, हाथरस : नगला भूरा से साकेत कालोनी का मार्ग बिना बरसात दलदल बन गया है। लोगों को घ
नीरज सौंखिया, हाथरस :
नगला भूरा से साकेत कालोनी का मार्ग बिना बरसात दलदल बन गया है। लोगों को घूमकर बाजार की तरफ से आना पड़ता है। तीव्र दुर्गन्ध से बीमारियां फैल रही हैं। समस्या के निदान के लिए कई बार क्षेत्रीय लोगों ने आन्दोलन किया। क्षेत्रीय सभासद मनोज अग्निहोत्री ने भी खूब प्रयास किए। उन्होंने 400 वर्गगज जमीन भी पालिका को दिलवाई। कुआं बन जाने के बाद भी लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। अब बरसात के दिन निकट हैं। ऐसे में बीमारियां और बढ़ेंगी। बोर्ड की बैठकों में भी इसे लेकर हाय-तौबा हुई है। समस्या से जूझ रहे लोग आश्वासन नहीं स्थायी निदान चाहते हैं।
इन मोहल्लों में दिक्कत :
गिर्राज कालोनी, साकेत कालोनी, वसंत बाग, रमनपुर, नई बस्ती, नवल नगर, चित्रगुप्त नगर, कैलाश नगर, रमनपुर नई बस्ती मोहल्ला आदि में दिक्कत।
क्षेत्र की आबादी-15 हजार
मुख्य समस्या : जलभराव व साकेत कालोनी की जर्जर सड़क, नवलनगर पोखर से जल निकासी के साधन न होना।
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1.70 लाख से बना कुआं
नगला भूरा रोड पर चार सौ वर्गगज जमीन क्षेत्रीय सभासद मनोज अग्निहोत्री के प्रयासों से नगर पालिका को दान दी गई। पालिका ने 1.70 लाख रुपये से नलकूप की स्थापना करा दी है। इससे रमनपुर, कैलाश नगर, नवल नगर, नई बस्ती, बीएसए कार्यालय, साकेत कालोनी समेत दर्जन भर मोहल्लों के लोगों को जलभराव की समस्या से स्थायी छुटकारा मिल जाएगा। कुआं बन कर तैयार हो चुका है लेकिन अभी जल निकासी के लिए पाइप नहीं पड़ सकी है।
बोले सभासद
मेरे वार्ड में जलभराव की समस्या मुख्य है। बोर्ड की बैठकों में भी इसे उठाया है। मेरे प्रयासों से ही कुआं के लिए भूखंड उपलब्ध कराया गया। सीवर लाइन न होने के कारण समस्या बरकरार है। इसके लिए बोर्ड में प्रस्ताव पास है। इस समस्या को जिलाधिकारी के समक्ष भी रखा गया है। उन्होंने जल्द ही निदान का आश्वासन दिया है।
मनोज अग्निहोत्री, सभासद
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नवल नगर व बीएसए कार्यालय रमनपुर पोखर पर ट्रॉली लगाकर पानी की निकासी कराई जा रही है। कुआं बन चुका है। जल्द ही लाइन बिछवाते हुए समस्या का स्थायी निदान करा दिया जाएगा। इससे कई मोहल्लों के लोगों को स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाएगा। इसके लिए मातहतों को भी निर्देश दे चुकी हूं।
डॉली माहौर, पालिकाध्यक्ष
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पब्लिक की पीड़ा
जलभराव की समस्या यहां कई साल से बनी हुई है। इसे लेकर आन्दोलन भी कर चुके हैं। आश्वासन तो मिल जाता है पर समस्या का निदान नहीं हो रहा है। बरसात में राह निकलना दूभर होता है
शंकर लाल
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जल निकासी के लिए कुआं बन चुका है। यहां पर शीघ्र ही लाइन भी डलवाई जाए जिससे आने वाले बरसात के दिनों में किसी प्रकार की समस्या से लोगों को न जूझना पड़े ।
उर्मिला देवी
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जलभराव के कारण कच्चे रास्ते से नहीं निकल पाते हैं। कई बार शिकायत की है। पालिका के अधिकारी आश्वासन तो देते हैं लेकिन दुर्गन्ध भरे इस माहौल से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है।
छोटे लाल
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गर्मी का मौसम है। पोखरों पर ट्रॉलियां नियमित नहीं चलती हैं। ऐसे में पानी हर समय भरा रहता है। आवश्यकता है समस्या के स्थायी निदान की, जिससे बीमारियां न फैलें और आवागमन में भी राहत मिले।
निशांत उपाध्याय