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चीन की डिस्पोजल क्रॉकरी हुई फेल

जागरण संवाददाता, हाथरस : डिस्पोजल क्रॉकरी में देसी उत्पादकों की डिमांड बढ़ गई है। चीनी क्रॉकरी फेल ह

By Edited By: Published: Sun, 23 Oct 2016 01:03 AM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 01:03 AM (IST)
चीन की डिस्पोजल क्रॉकरी हुई फेल

जागरण संवाददाता, हाथरस : डिस्पोजल क्रॉकरी में देसी उत्पादकों की डिमांड बढ़ गई है। चीनी क्रॉकरी फेल हो गई है। लोग इसे पसंद नहीं कर रहे हैं। चीन की निर्मित इस क्रॉकरी में ऐसे केमिकल हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। देसी क्रॉंकरी का घंघा अब जोरों पर चल रहा है। साथ ही इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है।

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बाजार में चीन के जो उत्पाद है उनमें सिल्वर चम्मच, घटिया प्लास्टिक के बने गिलास व दोने हैं। सस्ते के फेर में यह भारतीय बाजार पर एक साथ ही हावी हुई और डिमांड भी इसकी बढ़ गई थी। इस कारोबार से जुटे खुशीलाल शर्मा का कहना है कि पहले मिट्टी के कुल्लड़, सकोराव पत्तर की डिमांड होती थी। इसके बाद प्लास्टिक का गिलास, दोनों, चम्मच आदि भी आ गए। लोगों द्वारा हर कार्यक्रमों में ही इनका ही प्रयोग किये जाने लगा। ऐसे में मि9टी के वर्तनों का काम प्रभावित हुआ। हालांकि भारतीय सामान की डिमांड हुई लेकिन चीन का कारोबार इस पर एक साथ हावी हो गया। जो स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक रहा। अब चीन निर्मित सामान का जब विरोध हुआ तो लोग भी जाग्रति हुए। साथ ही उनके द्वारा भारतीय सामान की ही कार्यक्रमों में डिमांड करना शुरू कर दिया। क्योंकि इससे एक तो बच्चों के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं होता है। साथ ही टिकाऊ भी है। कैटर्स अजय का कहना है कि हर शादी विवाह में अब देसी निर्मित क्रॉकरी का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे आम लोगों को धन की भी बचत होती है चीन के सामान टिकाऊ व मजबूत नहीं होता है। लोगों का लगता है कि सस्ते में फेर में उन्हें फायदा हो रहा है लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान ही इससे होता है।

इनका कहना है-

प्लास्टिक की क्रॉकरी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है इसमें परोसे जाने वाले सामान में केमिकल घुल जाता है जो पेट के लिए हानिकारक है।इस केमिकल के कारण ही पेट में इन्फेशन की शिकायत होती है।

डा.आरपी ¨सह, वरिष्ठ चिकित्सक

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क्राकरी की गुणवत्ता तय होने के साथ ही चीन निर्मित सामान पर रोक लगाई जाए। देसी क्रॉकरी की ही ग्राहकों द्वारा डिमांड की जा रही है। इसकी ही सप्लाई दी जा रही है। चीन निर्मित सामान नहीं मंगाया जा रहा है।

सतीश कुमार दुकानदार

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देसी क्राकरी की डिमांड फिर से हुई है। लोग खुद ही इसे पसंद कर रहे है इससे उपयोग से शरीर पर भी कोई विपरीत असर नहीं पड़ता है। इससे देश की आर्थिक व्यवस्था भी सुधरेगी और लोगों को लाभ होगा।

मदन कुमार, दुकानदार

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