नरम दिल एसपी ने दिखाई दरियादिली
संवाद सहयोगी, हाथरस : ड्यूटी से गैरहाजिर रहने पर निलंबित किए गए दारोगा को पुलिस अधीक्षक ने बहाल क
संवाद सहयोगी, हाथरस : ड्यूटी से गैरहाजिर रहने पर निलंबित किए गए दारोगा को पुलिस अधीक्षक ने बहाल कर दिया। तबीयत खराब होने के कारण दारोगा अस्पताल में भर्ती थे। दारोगा के स्पष्टीकरण के बाद एसपी ने उन्हें बहाल कर दिया। एसपी पहले भी अधीनस्थों पर इस तरह की दरियादिली दिखा चुके हैं।
कोतवाली सदर में मुरसान गेट चौकी इंचार्ज विपिन यादव चुनाव से पहले छुट्टी पर गए थे। तय तिथि पर वे लौटकर नहीं आए। 28 नवंबर को प्रथम चरण में उनकी ड्यूटी लगी थी। छुट्टी से न लौटने के कारण वे ड्यूटी पर भी नहीं आ सके। इसी तरह कोतवाली के मुंशी महेंद्रपाल भी चुनाव से गैरहाजिर रहे। एसपी ने तत्काल प्रभाव से दोनों को निलंबित किया। सोमवार की देर शाम दारोगा विपिन यादव छुट्टी से लौटे। सस्पेंशन की जानकारी पर वे पुलिस अधीक्षक से मिले तथा स्पष्टीकरण दिया। बिना सूचना दिए छुट्टी से न लौटने पर दारोगा ने बताया कि वे बीमार थे तथा इस दौरान इटावा के अस्पताल में भर्ती थे। साथ ही सूचना देने के लिए रजिस्ट्री भी की थी। दारोगा के बयान से संतुष्ट होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने उन्हें बहाल कर दिया। अनुशानहीनता के प्रति पुलिस अधीक्षक काफी सख्त हैं, वहीं अधीनस्थों के प्रति उनके दिल में नरमी भी रहती है। 26 अक्टूबर 2015 को चामड़ गेट चौकी क्षेत्र में सराफ से बाइक सवार बदमाशों ने सरेशाम लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इस घटना में एसपी ने चौकी इंचार्ज अजय कुमार को निलंबित किया। निलंबन के कुछ दिन बाद पंचायत चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद एसपी ने अजय कुमार को बहाल कर दिया तथा पहले से भी अच्छी चौकी इंडस्ट्रियल एरिया दे दी।
एक घटना पुलिस स्मृति दिवस की है। इस दिन पुलिस लाइंस में कार्यक्रम चल रहा था। कोतवाली सदर की दो महिला कांस्टेबल स्कूटी पर एसपी के सामने से तेजी से गुजर गई थीं। शहीदों का अपमान मानते हुए एसपी ने इसे अनुशानहीनता में रखा तथा दोनों महिला सिपाहियों को निलंबित कर दिया। महिला सिपाहियों के माफी मांगने पर एसपी ने उन्हें भी बहाल कर दिया। गोपाल बघेल कांड में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला। गोपाल बघेल ने कलक्ट्रेट पर सल्फास खाकर खुदकशी कर ली थी। सुसाइड नोट के आधार पर हाथरस गेट एसओ महेशचंद्र यादव, एसआइ इतुल चौधरी व तीन अन्य पुलिस कर्मी निलंबित हुए थे। मामले की विवेचना के दौरान कुछ महीने में सभी को बहाल कर दिया गया। एसआइ महेशचंद्र एसपी पीआरओ बना दिए गए। आचार संहिता हटने पर एसआइ महेशचंद्र सादाबाद कोतवाली प्रभारी बना दिए गए तथा एसआइ इतुल चौधरी कोतवाली सदर में तैनाती दी गई।