चार लोगों को मिली एक एक साल की सजा
हाथरस : 18 साल पुराने मारपीट के मामले में सोमवार को सीजेएम कोर्ट ने एक ही परिवार के चार लोगों को सजा
हाथरस : 18 साल पुराने मारपीट के मामले में सोमवार को सीजेएम कोर्ट ने एक ही परिवार के चार लोगों को सजा सुनाई है। घर में घुसकर मारपीट करने पर तीन सगे भाइयों व उनके पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। धारा 504 में इन्हें दोष मुक्त किया गया है।
घटना 30 दिसंबर 1997 की है। बदूल खां निवासी नगला गढ़ू सासनी ने कोतवाली सासनी में मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि सुबह के समय वे अपने भाई व भतीजी के साथ घर में अलाव जलाकर ताप रहे थे। इसी दौरान गांव के सूरजभान व तीनों बेटे घर में घुस आए और लाठी-डंडों से मारपीट करने लगे। गाय बंधी न होने के कारण इनके खेत में चली गई थी, जिससे आरोपी बौखलाए हुए थे। मारपीट में तीनों को गंभीर चोट लगीं। लहूलुहान हालत में वे लोग कोतवाली पहुंचे व रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मामले में चारों की गिरफ्तारी हुई व कुछ दिन बाद जमानत भी मिल गई। तब से मामला सीजेएम कोर्ट में ट्रायल पर था। सोमवार को सीजेएम चित्रा शर्मा ने मामले में आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। धारा 452 में एक-एक साल की सजा व एक-एक हजार रुपये अर्थदंड, 325 में छह-छह माह की सजा तथा पांच सौ रुपये जुर्माना व 323 में चारों को तीन माह की सजा सुनाई है।
22 वर्ष पुराने मामले में एक-एक साल की सजा
सादाबाद : 22 वर्ष पुराने एक मारपीट के मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने पांच अभियुक्तों पर आरोप सिद्ध होने पर सजा सुनाई है। तीन जुलाई 1993 को बिसावर में गोपीचंद्र पुत्र डोरीलाल ने गांव के ही रामबाबू पुत्र ज्ञान ¨सह, जगदीश पुत्र डोरीलाल, इसाक व सुभाष पुत्र ख्यालीराम, रामदुलारी पत्नी जगदीश के खिलाफ मारपीट व जान से मारने की धमकी को लेकर रिपोर्ट दर्ज करायी थी। इस घटना में गोपीचंद्र की पत्नी चंद्रवती व उसका बेटा रनवीर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनीत कुमार वासवानी ने मामले की सुनवाई करते हुए चारों आरोपियों दोषी पाते हुए सजा सुनाई। धारा 147 में एक-एक वर्ष का साधारण कारावास व एक -एक हजार रुपया अर्थदंड, धारा 148 में दो-दो वर्ष का कारावास व एक-एक हजार रूपये अर्थदंड, धारा 323 में एक-एक वर्ष का कारावास व एक-एक हजार रुपये अर्थदंड व धारा 504 में एक-एक वर्ष का कारावास व एक-एक हजार का अर्थदंड की सजा सुनाई है। सजा में नियत किए गए अर्थदंड में से 50 प्रतिशत घायलों को दिया जाएगा।