Move to Jagran APP

कारोबारी से महीनादारी चाह रही थी पुलिस

हाथरस : पुलिस ज्यादती से आजिज पूर्व सभासद सुशीला देवी के कारोबारी पति गोपाल बघेल ने सोमवार को दोपहर

By Edited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 12:56 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 12:56 AM (IST)
कारोबारी से महीनादारी चाह रही थी पुलिस

हाथरस : पुलिस ज्यादती से आजिज पूर्व सभासद सुशीला देवी के कारोबारी पति गोपाल बघेल ने सोमवार को दोपहर बाद कलक्ट्रेट में जहर खा लिया। आरोप है कि पुलिस कारोबारी से महीनादारी निर्धारित करना चाह रही थी। कागजात न देने पर पर परेशान कारोबारी ने खुदकुशी करने का फैसला ले लिया था। सभासद पति माइल्ड फेट (पूजा के प्रयोग में लाया जाने वाला घी) का कारोबार करते थे।

loksabha election banner

मोहल्ला श्रीनगर नई बस्ती निवासी पूर्व सभासद सुशीला देवी के पति गोपाल बघेल सोमवार को दोपहर बाद करीब चार बजे कलक्ट्रेट पहुंचे। डीएम के मौजूद नहीं होने पर वे कार्यालय के ही सामने बने गार्डन में पहुंच गए और अपने हाथ में लगे कागज पर कुछ लिखते हुए सल्फास ही डिब्बी निकालकर गोलियां खा लीं। यह नजारा मौजूद लोगों ने देखा तो शोर मचाना शुरू कर दिया। इससे कलेक्ट्रेट में अफरा-तफरी मची और मौके पर पहुंचे एक लिपिक ने इसकी जानकारी डीएम को दी। उनके निर्देश पर लिपिकों ने ही गोपाल बघेल को जिला अस्पताल भिजवाया। अस्पताल में डीएम शमीम अहमद खान,एडीएम उदयीराम, एएसपी अजय शंकर राय, सीएमओ डा.रामवीर ¨सह, सीओ सादाबाद नरेन्द्र देव,इंस्पेक्टर मुरसान राजेश्वर त्यागी आदि भी पहुंच गए। वहां गोपाल बघेल की पत्नी व पुत्र से अधिकारियों ने पूछताछ भी की। गोपाल बघेल की नाजुक हालत देख डाक्टरों ने अलीगढ़ मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। जहां उनकी मौत हो गई।

बताते हैं कि गोपाल बघेल घर में ही नंदलाल फूड प्रोडेक्ट के नाम से माइल्ड फेट का कारोबार करते थे। इसकी संचालक उनकी पत्नी पूर्व सभासद सुशीला देवी हैं। करीब सात महीने से उनका यह कारोबार बंद पड़ा था। बेटा चाट-पकौड़ी की ढकेल लगाकर जैसे-तैसे परिवार पाल रहा था। परिजनों का आरोप है कि 31 जुलाई को कोतवाली हाथरस गेट से एक महिला दारोगा, एक पुरुष दारोगा तीन चार सिपाही सादा कपड़ों में घर आए। घर की तलाश लेते हुए बक्से से नकदी व जेवर निकाल लिए। लौटते वक्त गोपाल बघेल को भी थाने ले गए और उन पर नकली देसी घी बनाने का अवैध कारोबार करने का आरोप लगाने लगे। उन्होंने पुलिस को बताया कि वे माइल्ड फेट बनाने का काम करते थे। उसके रजिस्ट्रेशन आदि के कागजात भी उनके पास हैं और अब वे यह कारोबार भी नहीं कर रहे। इस पर पुलिस के कागजात मंगाए। पुलिस ने कागजात अपने पास रख लिए और गोपाल बघेल को छोडऩे के लिए पच्चीस हजार रुपये की डिमांड की। बाद में दस हजार लेकर उन्हें छोड़ दिया गया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस तभी से उन्हें तंग कर रही थी। कारोबार के कागजात नहीं दिए। उनसे दस हजार रुपये महीनादारी देने की डिमांड की जा रही थी। इसे लेकर गोपाल बघेल बुरी तरह आजिज थे। वह यही पीड़ा जिलाधिकारी से व्यक्त करने गए थे, मगर वे नहीं मिल सके।

इनसेट.

कलक्ट्रेट में किसी व्यक्ति के जहर खाने की सूचना उन्हें फोन पर मिली थी। उन्होंने तुरंत उसे अस्पताल भिजवाने के निर्देश दिए। कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने ही व्यवस्था कर उसे जिला अस्पताल भिजवाया। हालत गंभीर होने पर अलीगढ़ मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। वहां उसकी मौत होने की जानकारी मिली है। उसने क्यों जहर खाया यह उन्हें नहीं पता। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शमीम अहमद खान, जिलाधिकारी, हाथरस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.