आइएसओ प्रमाणित थाना देख खुश हुए डीआइजी
संवाद सहयोगी, हाथरस : मंडल के पहले आइएसओ प्रमाणित थाने को देखकर डीआइजी गो¨वद अग्रवाल का चेहरा खिल
संवाद सहयोगी, हाथरस : मंडल के पहले आइएसओ प्रमाणित थाने को देखकर डीआइजी गो¨वद अग्रवाल का चेहरा खिल गया। समाधान दिवस के दौरान हाथरस आए डीआइजी ने कोतवाली हाथरस गेट का निरीक्षण किया तथा पुलिस की सराहना की। डीआइजी समाधान दिवस में भी बैठे, लेकिन उनकी मौजूदगी में भी कोई शिकायत नहीं आई। वे सासनी कोतवाली भी पहुंचे। उधर, मुरसान थाने में कोतवाल राजेश्वर त्यागी ने राजस्व टीम के साथ लोगों की पीड़ा सुनी।
थानों में समाधान दिवस का औचक निरीक्षण करने के लिए डीआइजी गो¨वद अग्रवाल सुबह 10.30 पर अलीगढ़ से चले। भले ही निरीक्षण औचक था, लेकिन उनके चलने से पहले ही सभी थानों को वायरलेस पर सूचना दे दी गई थी। डीआइजी सबसे पहले कोतवाली सासनी पहुंचे। यहां पूर्व में दर्ज शिकायतों की स्थिति के बारे में जाना। यहां एसपी डा. एस चन्नप्पा भी मौजूद थे। डीआइजी के समक्ष केवल एक शिकायत दर्ज हुई। गांव जिरौली निवासी कन्हैयालाल ने शिकायत करते हुए कहा कि उसके छोटे भाई की पत्नी व बच्चे परेशान करते हैं। डीआइजी ने थाना प्रभारी केपी ¨सह को समाधान दिवस की शिकायतें गंभीरता पूर्वक लेने के निर्देश दिए। इसके बाद वे कोतवाली हाथरस गेट पहुंचे। डीएम शमीम अहमद, एसपी डा. एस चन्नप्पा व एएसपी सुजाता ¨सह भी थाने पहुंचीं। डीआइजी ने आइएसओ प्रमाणित थाने का निरीक्षण किया। परिसर के बाद कार्यालय, स्टाफ रूम, हवालात, महिला कक्ष आदि को देखा।
डीआइजी ने कहा कि आइएसओ द्वारा प्रमाणित करने का मतलब है कि यहां मिलने वाली सेवाएं उत्कृष्ट हैं। पुलिस व जनता के लिए यह गौरव की बात है। पूछने पर डीआइजी ने कहा कि वे जल्द ही अलीगढ़ के एक थाने को आइएसओ प्रमाण पत्र दिलवाने का प्रयास करेंगे। संभव है कि सिविल लाइन थाने को इसके लिए चयनित किया जाए।
सादाबाद में केवल एक : समाधान दिवस हर थाने पर फीका रहा। सादाबाद कोतवाली में नरेंद्र देव व तहसीलदार कुमार चंद्र ने समस्याएं सुनीं। दस बजे से दो बजे तक बैठने के बावजूद थाने पर मात्र एक ही शिकायत दर्ज हो सकी। एसओ महाराज ¨सह भाटी, नगर पंचायत से शैलेंद्र वाष्र्णेय व लेखपाल मौजूद रहे।
सिकंदराराऊ में दो : समाधान दिवस में सिर्फ दो शिकायतें आई। मगर, उनका भी निस्तारण नहीं हुआ। उपजिलाधिकारी एनपी पांडेय, पुलिस क्षेत्राधिकारी डीके बालियान फरियादियों का इंतजार करते रहे। कोतवाल बलवीर सिंह, एसएसआइ विपिन कुमार यादव आदि मौजूद थे।