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वो बांट रहे थे बसपा से इस्तीफा की प्रति

संवाद सहयोगी, हाथरस : कलेक्ट्रेट में जहां एक ओर मंच पर बसपा के कसीदे गढ़े जा रहे थे, वहीं दूसरी ओ

By Edited By: Published: Tue, 28 Apr 2015 12:38 AM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2015 12:38 AM (IST)

संवाद सहयोगी, हाथरस : कलेक्ट्रेट में जहां एक ओर मंच पर बसपा के कसीदे गढ़े जा रहे थे, वहीं दूसरी ओर एक पूर्व पदाधिकारी पार्टी से इस्तीफा की प्रति बांट रहे थे। उनके एक वरिष्ठ पदाधिकारी पर आरोप थे।

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सादाबाद क्षेत्र के गांव मांगरू के राजबहादुर ¨सह का कहना है कि वे बसपा के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। लोकसभा क्षेत्र प्रभारी, जिला उपाध्यक्ष, जिला महासचिव व सादाबाद विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष पद के दायित्व वे संभाल चुके हैं। अब पार्टी की कथनी व करनी में अंतर से आजिज आकर बसपा छोड़ने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि उन्होंने अपने विद्यालय के विकास के लिए बसपा के आगरा व अलीगढ़ मंडल कार्डीनेटर एवं एमएलसी सुनील कुमार चित्तौड़ से पांच लाख रुपये की निधि मांगी थी। उनसे एमएलसी ने निधि देने से पहले ही पचास फीसद राशि की उनसे मांग कर दी। इसी से कुपित होकर उन्होंने बसपा छोडऩे का निर्णय लिया है। उन्होंने इस्तीफा पार्टी जिलाध्यक्ष व मंडल कार्डीनेटर को सौंप दिया है। इसकी प्रति उन्होंने धरना स्थल पर मीडिया कर्मियों में बांटीं। यह काफी चर्चा का विषय रहा। इधर, इस संबंध में जानकारी के लिए जिलाध्यक्ष दिनेश देशमुख से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल फोन रेंज से बाहर आता रहा। मंडल कोर्डिनेटर ब्रज मोहन राही से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि एमएलसी चित्तौड़ पर लगाया जा रहा आरोप निराधार है। राजबहादुर बसपा में पदाधिकारी जरूर रहे हैं, मगर वे लोकसभा चुनाव के दौरान से ही बागी हैं। उस समय भी उन्होंने इस्तीफा दिया था, मगर फिर उसे वापस ले लिया था।


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