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ंकिसानों का उचित मुआवजा दिलाकर रहेगी बसपा : रामवीर

संवाद सहयोगी, हाथरस : बसपा के धरने में भीड़ जुटने से पार्टी नेताओं के जोश ने भी खूब ताव खाया। केंद

By Edited By: Published: Tue, 28 Apr 2015 12:26 AM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2015 12:26 AM (IST)
ंकिसानों का उचित मुआवजा दिलाकर रहेगी बसपा : रामवीर

संवाद सहयोगी, हाथरस : बसपा के धरने में भीड़ जुटने से पार्टी नेताओं के जोश ने भी खूब ताव खाया। केंद्र व प्रदेश सरकार की जमकर बखिया उधेड़ी और बसपा के कसीदे पढ़े। जिला प्रशासन को भी नहीं बख्शा। ऐलान कर दिया गया कि अगर किसानों को उनके नुकसान के मुताबिक राहत न मिली और उनका किसी तरह का उत्पीड़न हुआ तो शासन-प्रशासन की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी।

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बसपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के आह्वान पर सोमवार को कलक्ट्रेट पर धरना दिया गया। इसकी तैयारी आनन-फानन में ही की गई थी, मगर फिर भी काफी भीड़ जुटी। इससे बसपा नेता गदगद नजर आए। पूर्व ऊर्जा मंत्री एवं सिकंदराराऊ के विधायक रामवीर उपाध्याय ने कहा कि भयंकर गर्मी पड़ रही है और आज साहलग भी तगड़ा है। इसके बावजूद जिले के कौने-कौने से यहां किसान आए हैं। फिर उन्होंने भूमि अधिग्रहण को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप जड़े। कानून अंग्र्रेजों ने 1894 में बनाया था। यह घोर किसान विरोधी था। इसमें संशोधन के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने शासन में केंद्र की यूपीए सरकार को पत्र लिखे थे। दबाव पड़ने पर केंद्र ने वर्ष 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून तैयार किया। इसमें प्रावधान रखा गया कि जमीन अधिग्रहण के लिए 70 फीसद किसानों की सहमति हो। इसके साथ ही भूमि लेने वाला निजी विकासकर्ता है तो वह विकास कराने के बाद 16 फीसद जमीन किसान को वापस करेगा। अगर उद्योगपति जमीन ले रहा है और वह पांच साल के अंदर उस पर उद्योग नहीं लगा पा रहा तो उसका अधि‌र्ग्रहण निरस्त माना जाएगा। अब जब भाजपा की सरकार बनी तो फिर इसे बदल कर पूंजीपतियों के पक्ष में कर दिया गया। यह पूरी तरह से किसान विरोधी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह मोदी ने उस कारपोरेट जगत का कर्ज चुकाने का काम किया है, जिसने लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी मदद की थी।

फिर उन्होंने प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त किसानों का दर्द उकेरते हुए कहा कि मुआवजे के नाम पर मजाक हो रहा है। सत्ता से जुड़े लोगों के इशारों या फिर सुविधा शुल्क लेकर मुआवजे की राशि तय की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिसका जितना नुकसान हुआ है उसका उतना मुआवजा मिले। अन्यथा की स्थिति में वे शासन-प्रशासन की ईंट से ईंट बजा देंगे। ऐसे में वे बिजली आदि समस्याओं के साथ जनपद विकास के मुद्दे उछालकर बसपा शासन के कसीदे पढ़ने से भी नहीं चूके।

सदर विधायक चौधरी गेंदालाल ने राहत राशि बांटने में भेदभाव बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक ही जिले की सादाबाद तहसील में राहत राशि ज्यादा बांटी गई है। हाथरस व सिकंदराराऊ के साथ महज इसलिए भेदभाव किया गया है कि यहां बसपा के विधायक हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह जिला आलू की पैदावार का हब है। आपदा में आलू किसानों का भी भारी नुकसान हुआ है, मगर उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा। गेहूं किसानों को भी जो दिया जा रहा है वह काफी कम है। इसमें भी लेखपाल जमकर गड़बड़ी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही हाथरस व सिकंदराराऊ के किसानों को राहत राशि नहीं बांटी गई तो बड़ा संघर्ष यहां बसपा करेगी। अंत में उन्होंने कहा कि किसान से ही ¨हदुस्तान है और वह उसकी पीड़ा सहन नहीं करें। किसान को न्याय दिलाने के लिए जो भी करना पड़ेगा वह कर गुजरेंगे।

वरिष्ठ बसपा नेता मनोज सोनी ने कहा कि बसपा सर्व समाज की पार्टी है। बसपा शासन में किसानों के हित में भी तमाम निर्णय लिए गए थे। आज किसान की अनदेखी केंद्र व प्रदेश दोनों सरकारें कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तो विदेश यात्राओं से ही फुर्सत नहीं है।

मुरसान ब्लाक प्रमुख रामेश्वर उपाध्याय ने प्रशासन पर किसानों को राहत राशि बांटने में भेदभाव बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खजूरिया गांव में एक ही परिवार के सात लोगों को छह लाख रुपये दे दिए गए। यह परिवार सपा से जुड़ा है। बाद में जब उन्होंने यह मामला प्रशासन के सामने उठाया और जांच हुई तो सत्य पाया गया। ऐसे ही और भी तमाम मामले जनपद में होंगे। बसपा शासन में इस तरह किसी मामले में कभी भेदभाव नहीं हुआ। मांग की कि किसानों के बिजली बिल व बैंक ऋण माफ किए जाएं।

अंत में अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष दिनेश देशमुख ने भी केंद्र व प्रदेश सरकार पर जमकर कटाक्ष किए। इसके बाद सभी का आभार व्यक्त कर धरना समापन की घोषणा की। संचालन मंडल कोर्डीनेटर ब्रजमोहन राही ने किया। सभा में जिला पंचायत अध्यक्ष रामवती बघेल, उनके पति बनी ¨सह बघेल, वरिष्ठ बसपा नेता सतेंद्र शर्मा, केके दीक्षित, मंडल कार्डिनेटर सुरेश चंद्र गौतम, दिनेश शर्मा, परिवहन निगम के पूर्व डायरेक्टर आशीष शर्मा, भंट्टा एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश दीक्षित, जिला पंचायत सदस्य संजीव काका, अमर ¨सह पांडेय, लालजी सारस्वत, आशीष दीक्षित, योगा पंडित, कपिल मोहन गौड़ एडवोकेट, पूर्व जिलाध्यक्ष केसी निराला, ओंकार ¨सह वर्मा, गिरीश पचौरी, महेश बाबू कुशवाहा,पूरन ¨सह, दामोदर ¨सह, भगवान ¨सह भारती, आरसी गोला, राजकपूर, पूर्व चेयरमैन मेंडू डीपी ¨सह, पवन शर्मा, अजय शर्मा आदि ने भी विचार व्यक्त किए।


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