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नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

जागरण संवाददाता, हाथरस : गुरुवार को घरों और शक्तिपीठों पर मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई। देवी म

By Edited By: Published: Thu, 26 Mar 2015 06:13 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2015 06:13 PM (IST)
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

जागरण संवाददाता, हाथरस : गुरुवार को घरों और शक्तिपीठों पर मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई। देवी मंदिरों पर जलाभिषेक के साथ पूजन किया गया। मंदिरों पर हवन यज्ञ का दौर चला। आहूति देते हुए खुशहाली की कामना की गई।

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चैत्र नवरात्र में हर कोई देवी की भक्ति की लीन होता है। घर-घर में सजे मां के दरबार में पूजा-अर्चना के साथ लौंग-कपूर से पूजा की जाती है। पथवारी मंदिर, बौहरे देवी, रमनपुर, चामड़ गेट स्थित चामुंडा देवी मंदिर समेत अन्य मंदिरों पर भक्तों की भीड़ लगी रही।

चामुंडा देवी मंदिर पर चल रहे यज्ञ में भक्त आहूति देते रहे। यज्ञ वेदी की परिक्रमा भी लगाई गई। नवरात्र की सप्तमी पर काली की आराधना भी की गई। शाम होते ही देवी के मंदिर बिजली की दूधिया रोशनी से नहाए नजर आए। देवी प्रतिमाओं का भव्य श्रृंगार किया गया। मंदिरों पर महाआरती की गई। इसमें उमड़ी भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया था।

अब अष्टमी और नवमी पर दो दिन तक देवी मंदिरों पर मेला लगेगा। बौहरे देवी मंदिर पर तो बांस मंडी चौराहा से ही जगह-जगह शिविर और मंदिरों को सजाने की तैयारियां चल रही हैं। भैरव मंदिर भी सज गए हैं। पुलिस के साथ यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए क्षेत्रीय लोगों की टीम भी पूरी तरह से तैयार है।

बेहतर सफाई के निर्देश

नगर पालिकाध्यक्ष डॉली माहौर ने अष्टमी व नवमी को लेकर सफाई व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। मेला स्थल पर चूने के छिड़काव के निर्देश दिए गए हैं।

बराई मेले में बच्चों की

सलामती की कामना

गुरुवार को सप्तमी के मौके पर मुरसान गेट स्थित काली मंदिर पर बराई मेला लगा, जहां पर शहर ही नहीं देहात से भी आईं महिलाओं ने बच्चों के संग दर्शन किए। यहां बच्चों की सलामती के लिए पूजा-अर्चना की जाती है। मशानी देवी मंदिर भारी भीड़ रही।

काली और मशानी देवी मंदिर पर नवरात्र के दिनों में बच्चों की सलामती और खुशहाली के लिए जात की जाती है। गुरुवार को सप्तमी के दिन सुबह से ही इन मंदिरों पर लोगों की भीड़ लगी रही। मुरसान में बौहरे देवी मंदिर के निकट लगे मेले को बराई के नाम से जाना जाता है। यहां पर महिलाएं बच्चों पर उतारा करते हुए काली के दर्शन कर दान-पुण्य करती हैं। मुर्गा भी छुड़वाया गया। ताकि बच्चे स्वस्थ रहें। इसके अलावा बौहरे देवी मंदिर के अलावा तालाब चौराहा स्थित मशानी मंदिर पर भी भक्तों की भीड़ लगी रही।

दुर्गा कवच पापों

से रक्षा करता है

सासनी : दुर्गा सप्तशती का विधिपूर्वक किया गया पाठ जीवन में अन्न, धन, वस्त्र, यश, शौर्य, शांति और मनवांछित फल प्रदान करता है। विशेषकर नवरात्र में पहले दिन कलश स्थापना करते हुए दुर्गा सप्तशती के तेरह अध्यायों का पाठ करने का विधान है।

गुरुवार को ये बातें हनुमान चौकी मंदिर परिसर में नवमी को किए जाने वाले मां दुर्गा हवन यज्ञ की तैयारी के दौरान नागा बाबा मोहनगिरी महाराज ने बताईं। उन्होंने कहा कि रहस्याध्याय के अनुसार मनुष्य को एक दिन में पूरे पाठ करने का अवसर न मिले तो वह एक दिन केवल मध्यम चरित्र का तथा दूसरे दिन शेष दो चरित्रों का पाठ कर सकता है। संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का पाठ न करने वाले मनुष्य देवी कवच, अर्गलास्तोत्र, कीलक का पाठ कर देवी सूक्तम पढ़ सकते हैं। लेकिन नवरात्र में दुर्गा कवच प्रत्येक देवी भक्त को पढ़ना चाहिए। समय का अभाव हो तो केवल देवी सूक्तम से भी भगवती की आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है।


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