हाईकोर्ट बेंच के लिए दिल्ली में गरजे हाथरस के अधिवक्ता
जागरण संवाददाता, हाथरस : पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर आगरा संघर्ष सम
जागरण संवाददाता, हाथरस : पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर आगरा संघर्ष समिति की ओर से जंतर-मंतर (दिल्ली) पर आयोजित धरने में हाथरस के वकीलों ने भी भाग लिया। साथ ही 26 दिसंबर तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का एलान भी किया है।
शनिवार को इस धरने में द कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन की ओर से सत्य प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में सहभागिता की गई। प्रेम ¨सह यादव ने हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग पर जोर दिया। धरने में सचिव सुनील वर्मा, प्रेम ¨सह यादव, महेन्द्र ¨सह चौधरी, शिवदत्त यादव, लालता प्रसाद माहौर, रतन शर्मा, दिनेश शर्मा टीटू भी शामिल हुए। भगवती पौरुष के नेतृत्व में महेन्द्र शर्मा, योगेन्द्र मोहता, छोटेलाल यादव, मिथलेश शर्मा, महेन्द्र ¨सह शर्मा, दुर्गा प्रसाद पोरवाल, सुरेन्द्र गौतम आदि ने भी दिल्ली पहुंच कर धरने में भाग लिया। वहां से लौटते के बाद बैठक की और 26 दिसंबर तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का एलान किया। बैठक में कन्हैया लाल शर्मा, बनी ¨सह यादव, गोपाल प्रसाद शर्मा, भैरो प्रसाद शर्मा, कमल प्रकाश सेंगर, प्यारे लाल शर्मा, मिथलेश शर्मा, रिषी कुमार पचौरी, शिव हरी शर्मा, रनवीर ¨सह, अलखाक अहमद, सतीश वाष्र्णेय आदि उपस्थित थे। संचालन सुनील वर्मा ने किया।
हमले की निंदा की : सिकंदराराऊ बार एसोसिएशन की बैठक बार कक्ष के मीटिंग हाल में अध्यक्ष महेन्द्र सिंह यादव की अध्यक्षता में हुई, जिसमें दिल्ली में हुए लाठी चार्ज में महिला अधिवक्ता के घायल होने की निंदा की गई। अधिवक्ताओं ने निर्णय लिया कि शनिवार से लेकर 26 दिसम्बर तक अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे। 22 दिसम्बर से तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
मंत्री के वक्तव्य पर उबले
हाथरस : प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को औचित्यहीन बताए जाने पर अधिवक्ताओं में उबाल है। इन अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी को लोक निर्माण मंत्री के नाम ज्ञापन देकर सैफई में हाईकोर्ट बेंच बनाने को कहा है।
डिस्ट्रक्टि एक्टिव बार एसोसिएशन के मुकेश कुमार लोधी, राजीव कुमार गुप्ता ने मंत्री के बयान पर कहा है कि वह यह संशोधन करें कि सैफई गांव को तहसील, फिर जिला और अब मंडल बनाने की जरूरत है, क्योंकि वहां एम्स बन चुका है। एयरपोर्ट प्रस्तावित है। इंटरनेशनल स्टेडियम बन चुका है। प्रदेश का व्यापार मेला, मुंबई के फिल्मी कलाकारों का जमावाड़ा होने के साथ लाइन सफारी का भी लोकार्पण हो चुका है। ऐसे में सैफई में ही हाईकोर्ट की बेंच बन जाए तो उनकी यह मांग ही अनौचित्यपूर्ण हो जाएगी। हाईकोर्ट को भी इलाहाबाद से हटाकर सैफई में पहुंचा दिया जाए तो ठीक रहेगा।