शुरू हुआ कमाई का कुंभ
संवाद सहयोगी, हाथरस : अपने लाडलों को बगैर पढ़ाए ही प्रथम श्रेणी में हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं पास
संवाद सहयोगी, हाथरस : अपने लाडलों को बगैर पढ़ाए ही प्रथम श्रेणी में हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं पास कराने की अभिभावकों की ललक के चलते ही जनपद में बढ़ गए शिक्षा के सौदागर। नौकरशाहों की भी खूब बन आई। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं उनके लिए बन गया कमाई का सालाना कुंभ। यह कुंभ अब सजना शुरू हो गया है। पहली कड़ी परीक्षा केद्रों को निर्धारण में ही वारे न्यारे शुरू हो गए हैं। डीआइओएस के यहां से चहेते संचालकों के स्कूलों को परीक्षा केंद्रों की सूची में शामिल कर लिया गया। अगली कड़ी एसडीएम के यहां से भी बगैर स्थलीय निरीक्षण के इसका सत्यापन हो गया।
बोर्ड परीक्षा की शुचिता को तार-तार करने से तमाम संचालक बाज नहीं आ रहे। ऐसे संचालक हर सूरत में अपने विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनवाना चाहते हैं, ताकि परीक्षा के दौरान जमकर नकल कराई जा सके। नकल की एवज में परीक्षार्थियों से अवैध वसूली की जाए। पिछले कई दिनों से परीक्षा केंद्रों के निर्धारण कराने का काम चल रहा है। बताते चलें कि केंद्र बनवाने के लिए हर सीट पर पैसा तय है। फिर चाहे सत्यापन की बात हो, या सूची में नाम शामिल कराने की। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में एक बाबू पूरे नेटवर्क को संचालित किए हुए है। पचास से अस्सी हजार रुपये केंद्र बनवाने के लिए वसूले जा रहे हैं। बिना स्थलीय निरीक्षण किए कागजों पर सत्यापन कराया जा रहा है। जिसके एवज में संचालकों से 25 हजार रुपये तक मांगे जाने की सूचनाएं हैं।
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अंतिम समय में टल गई
परीक्षा समिति की बैठक
क्रासर-
-जिला परीक्षा समिति की थी कलक्ट्रेट सभागार में बैठक
-सत्यापन रिपोर्ट पूरी न आने पर टाली गई बैठक
संवाद सहयोगी, हाथरस : हाई स्कूल व इंटर की बोर्ड परीक्षाओं को कराने के लिए परीक्षा केद्रों का निर्धारण किया जाना है, जिसको लेकर शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर बैठक आयोजित होनी थी, लेकिन समस्त उपजिलाधिकारियों की सत्यापन रिपोर्ट न आ पाने के कारण जिला परीक्षा समिति की बैठक नहीं हो पाई। अब तीन नवम्बर के बाद बैठक आयोजित की जाएगी।
विगत दिनों शासन स्तर पर बैठे अधिकारियों ने परीक्षा केंद्र निर्धारण करने के निर्देश जिला परीक्षा समिति को दिए थे। अपने विद्यालयों को केंद्र बनवाने के लिए प्रत्येक संचालक जुटा हुआ था। सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों से भी सिफारिशें लगवाई जा रही थी। शुक्रवार को जिला स्तर पर परीक्षा केंद्रों का निर्धारण करके सूची जारी करनी थी, लेकिन शाम को जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाली बैठक में जब चारों एसडीएम की विद्यालयों के सत्यापन रिपोर्ट पेश नहीं हुई तो बैठक टाल दी गई। अब यह बैठक तीन नवम्बर के बाद होगी। बता दें कि सुबह से ही तमाम संचालक इस जानकारी में लगे हुए थें कि उनके विद्यालय का नाम सूची में है या नहीं। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के बाबुओं से लगातार संपर्क करते रहे। शाम को जब बैठक होने की जानकारी लगी तो जिला मुख्यालय पर पहुंच गए, लेकिन जब जिलाधिकारी शमीम अहमद खान ने बैठक स्थगित कर दी तो संचालकों के चेहरे लटक गए।