खोया आपा, फूटे सिर
संवाद सहयोगी, हाथरस : सासनी में आपसी कहासुनी को लेकर अलग-अलग जगहों पर लाठी-डंडे चले और पथराव भी हुआ।
संवाद सहयोगी, हाथरस : सासनी में आपसी कहासुनी को लेकर अलग-अलग जगहों पर लाठी-डंडे चले और पथराव भी हुआ। इनमें तीन महिलाओं से सहित आधा दर्जन से भी अधिक लोग घायल हो गए।
गुरुवार की देर शाम गांव धिमरपुरा में छत्रपाल के मकान के निकट बने एक मंदिर में दीपावली पर डीजे लगाकर लोग डांस कर रहे थे। शुक्रवार की सुबह छत्रपाल के चचेरे भाई अशरफी ने कहा कि अब पशुओं से दूध आदि निकालने का वक्त हो गया है। डीजे बंद करा दो, इस पर डीजे बजा रहे युवकों ने डीजे बंद करा दिया। बताते हैं कि अशरफी लाल का पुत्र अशोक अपनी पत्नी के साथ ससुराल भाईदूज मनाने जा रहा था, तभी इसी परिवार के एक व्यक्ति आनंद ने अचानक गाली गलौज शुरू कर दी, जिससे दोनों पक्षों में क्रोध की ज्वाला धधक उठी। फिर दोनों पक्षों में गाली-गलौज के बाद लाठी, डंडे, सरिया, चले। बीच बचाव करने आई घर की महिला व युवती भी घायल हो गयी। कुछ लोगों ने पथराव भी किया, जिसमें आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। ग्रामीणों ने घायलों को सीएचसी भिजवाया। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर लेकर शांति भंग में कार्रवाई की।
ये हुए घायल : जय प्रकाश छोटा विर्रा, भूपेन्द्र, माला, अशोक, माया, अर्चना, श्यामबाबू सभी निवासी गांव धिमरपुरा।
दूसरी घटना में गांव छोटा बिर्रा निवासी जागेश के पुत्र जयप्रकाश ने दीपावली के दौरान अपने घर के सामने नाली साफ की थी, जिसका मलबा निकालकर नाली के किनारे कर दिया था। इसमें उसके पड़ोसी राजेन्द्र की पांच वर्षीय पुत्री फिसल गई। इसी बात को लेकर राजेन्द्र ने जयप्रकाश को गाली देनी शुरू कर दी। शोर सुनकर पड़ोसी एकत्र हो गए, जिन्होंने मामले को शांत करा दिया। बताते हैं कि मामला शांत होने के बाद शुक्रवार की सुबह राजेन्द्र व उसके अन्य साथी जय प्रकाश के घर पहुंच गए और लाठी डंडों से उसकी पिटाई कर दी, जिससे उसका सिर फट गया। पड़ोसियों ने घायल को उपचार के लिए सीएचसी भिजवाया। पुलिस ने झगड़ा कर रहे लोगों को शांति भंग के आरोप में बंद किया है।
तीसरी घटना गांव विजैया नगला में हुई। दो लोग शराब पीकर झगड़ रहे थे, जिन्हें पुलिस ने पकड़ लिया मगर संभ्रांत लोगों के आने पर दोनों पक्षों में फैसला करा दिया गया।
चौथी घटना गांव लुटसान में हुई। दो शराबी आपस में भिड़ गए, जिनमें पहले कहासुनी हुई फिर डंडे चले। यहां भी गांव के संभ्रांत लोगों ने समझा बुझाकर फैसला करा दिया।