राजेश का एक और साथी पहुंचा जेल
जागरण संवाददाता, हाथरस : पश्चिमी उप्र के कुख्यात शार्पशूटर ब्रजेश मावी हत्याकांड की परतें अब खुलन
जागरण संवाददाता, हाथरस : पश्चिमी उप्र के कुख्यात शार्पशूटर ब्रजेश मावी हत्याकांड की परतें अब खुलने लगी हैं। मुख्य आरोपी राजेश टोंटा के एक अन्य मामले में कोर्ट में आत्मसमर्पण के बाद उसके अन्य साथियों को भी जेल सुरक्षित नजर आ रही है। इसी क्रम में बुधवार को मोनू ठाकुर ने अलीगढ़ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उसने करीब सवा साल पुराने नीटू हत्याकांड में समर्पण किया है। कोर्ट ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया।
ब्रजेश मावी की हत्या हो गई या वह गायब है, यह शुरुआत में एक पहेली बन गई थी। मथुरा पुलिस जी-जान से जुटी तो धीरे-धीरे सफलता मिलती गई। मथुरा पुलिस के ही प्रयास हैं कि अब मावी हत्याकांड की परतें खुलती जा रही हैं। मथुरा पुलिस ने मावी की हत्या और उसकी लाश ठिकाने लगाने वाले स्थान को चिह्नित कर लिया है। इस मामले में शामिल डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों को भी चिह्नित कर लिया गया है। वह गाड़ी भी पुलिस की नजरों में आ गई है, जिससे मावी की लाश को ठिकाने लगाया गया। पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। मथुरा पुलिस की सख्ती व सक्रियता का ही नतीजा है कि मुख्य आरोपी ने एक सप्ताह पूर्व 24 सितंबर को एक साथी के साथ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। भले ही यह समर्पण दूसरे हत्या व गैंगस्टर के मामले में किया गया था, मगर इस दौरान राजेश ने मीडिया के समक्ष खुद ही खुलासा कर दिया था कि मावी की हत्या हो गई है। इसके बाद राजेश का एक और खास साथी एक पुराने मामले में जमानत तुड़वाकर जेल पहुंच गया। मावी कांड में एक और नाम मोनू ठाकुर का प्रमुख रूप से उभर रहा था। उसने भी बुधवार को अलीगढ़ की कोर्ट में पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया।
मोनू हाथरस जंक्शन क्षेत्र के गांव इमलिया के नगला का रहने वाला है। 16 मई 2013 को अलीगढ़ के थाना क्वार्सी क्षेत्र के गांव गड़राना में हाथरस के ही गांव गंगचौली के कुख्यात नीटू प्रधान को गोलियों से भून दिया गया था। इस हत्याकांड में मोनू ठाकुर सहित चार लोग नामजद थे। बाद में विवेचना के दौरान तीन लोगों के नाम इसमें से निकाल दिए गए, मगर एक और नाम विष्णु का प्रकाश में आने पर उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। मोनू तब से इस मामले में फरार चल रहा था। अब मावी हत्याकांड में मथुरा पुलिस गिरफ्तारी के लिए दबाव बना रही थी, तो उसने उससे बचने के लिए नीटू हत्याकांड में अलीगढ़ कोर्ट पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया।
हार्डडिस्क उगल रही राज
मथुरा पुलिस को राजेश के मकान की तलाशी के दौरान सीसी टीवी कैमरे की हार्डडिस्क हाथ लग गई है। इसी के शुरुआती परीक्षण के आधार पर राजेश के साथियों को पुलिस ने चिह्नित किया है। हार्डडिस्क को और गहन परीक्षण के लिए भेजा गया है। पुलिस को उम्मीद है कि इससे मावी हत्याकांड के राज उजागर हो सकते हैं।
बी वारंट तामील
चूंकि राजेश दूसरे मामले में अलीगढ़ जेल गया है, इसलिए मथुरा पुलिस ने मावी हत्याकांड में उसके खिलाफ बी वारंट वहां की कोर्ट से लिया है। इसे मथुरा पुलिस ने अलीगढ़ जेल में पहुंचकर राजेश को तामील करा दिया है। सूत्रों के मुताबिक अब मथुरा पुलिस उसे रिमांड पर लेने के लिए प्रयास कर रही है। इस क्रम में मथुरा कोर्ट में प्रार्थनापत्र दे दिया गया है। इस पर सुनवाई के लिए 8 अक्टूबर की तारीख लगी है।
गैंग के पुराने सदस्य भी लापता
राजेश का पुराना गैंग यहां पुलिस रिकार्ड में रजिस्टर्ड है। राजेश की तरह वह भी काफी समय से खुद को समाज की मुख्य धारा से जोड़े हुए थे, मगर मावी कांड में राजेश का नाम उजागर होने के बाद उन पर भी शक की सुई घूमने लगी है। इसका आभास उन्हें भी हो चुका है। यही वजह है कि वे अब शहर में दिखाई नहीं दे रहे। भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि इनमें से ज्यादातर के संपर्क मावी से थे और वे राजेश से बगावत का बिगुल बजा रहे थे।