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अन्न से जुदा, आलू पर फिदा अन्नदाता

संवाद सहयोगी, हाथरस : दलहन, तिलहन व अन्न उत्पादन में अग्रणी इस जनपद के कृषकों का अब इन फसलों से म

By Edited By: Published: Wed, 01 Oct 2014 12:56 AM (IST)Updated: Wed, 01 Oct 2014 12:56 AM (IST)
अन्न से जुदा, आलू पर फिदा अन्नदाता

संवाद सहयोगी, हाथरस : दलहन, तिलहन व अन्न उत्पादन में अग्रणी इस जनपद के कृषकों का अब इन फसलों से मोहभंग है। अन्न से जुदा अन्नदाता का जोर सब्जियों के राजा आलू की खेती पर है। आलू के बीज के लिए मारामारी मची है। उद्यान विभाग को इस साल आलू के रकबे में 25 फीसद बढ़ोत्तरी का अनुमान है। यह रकबा 40 हजार हेक्टेयर तक पहुंच सकता है।

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जनपद के किसानों का एक दशक पहले तक अन्न उत्पादन में अच्छा प्रदर्शन रहा है, लेकिन जिस तरह आलू की तेजी से मांग बढ़ी है और इसका मुनाफा काफी ऊंचा रहा है, ऐसे में अब आलू उत्पादन उनकी प्राथमिकता में शामिल हो गया है। आलू की तेजी के चलते पट्टे पर मिलने वाले खेतों के रेट भी काफी ऊंचे पहुंच गए हैं। इस बार यह आंकड़ा भी 60 से 70 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तक जा पहुंचे हैं। आलू बीज की जिस तरह मांग उठ रही है, उससे इस बार किसान अपने रकबे में भी बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। इसका प्रमुख कारण इस साल आलू के रेट 2600 रुपये प्रति कुंतल तक पहुंच गए हैं।

आलू उत्पादन का आंकड़ा

वर्ष -रकबा हे.-उत्पादन

2010-11 29,478 5,870 टन

2011-12 28,102 5,222 टन

2012-13 31,340 6,000 टन

2013-14 32,710 6,193 टन

2014-15 40,000 अनुमानित

इंसेट

साधारण से शिखर तक का सफर

हाथरस : सासनी ब्लाक के गांव सठिया के किसान चौ.विनोद सिंह उर्फ गुड्डू भैया ने 1986 में चार बीघा से आलू की शुरुआत की और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज अपने तथा पट्टे पर लेकर वह 2600 बीघा आलू पैदा कर रहे हैं। आलू उत्पादन में मंडल भर में वह पहले स्थान पर हैं। इस कार्य में उनके इंजीनियर बेटे बिट्टू का भी सहयोग मिल रहा है।

इंसेट -

बीज के लिए मारामारी

हाथरस : जिला उद्यान अधिकारी एसके गुप्ता ने बताया कि जिले के किसानों को आलू बीज उपलब्ध कराने के लिए पांच हजार कुंतल बीज की मांग की गई है, लेकिन अभी तक शासन स्तर से कोई नीति निर्धारित नहीं की है। कम आलू बीज मिलने तथा अधिक मांग होने के कारण इस बार आलू बीज का वितरण लॉटरी सिस्टम से किया जायेगा। इसके लिए डीएम स्तर से टीम बनाई जायेगी


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