जीरा-सौंफ से हटे मंडी शुल्क
जागरण संवाददाता, हाथरस : उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने जीरा, सौंफ, सुपाड़ी, सिंघाड़ा, कुंदरू चिकोरी, किन्नू वस्तुओं पर मंडी शुल्क लगाने का विरोध किया और इसे हटाने की मांग की है।
प्रदेश उपाध्यक्ष मदनमोहन अपना वाले व शहर महामंत्री मोहन लाल अग्रवाल ने कहा है कि विरोध के बाद भी इन वस्तुओं पर पिछले वर्ष मंडी निदेशक ने मंडी शुल्क लगा दिया था। व्यापारी चार अगस्त को गांधी चौक घंटाघर पर एकत्रित होंगे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन डीएम को देंगे।
व्यापारियों का कहना है कि सिंघाड़ा व्रत में उपयोग आता है, सरकार ने उसे वेट से मुक्त कर रखा है तो फिर मंडी शुल्क क्यों लगाया गया। जीरा, सौंफ आदि वस्तुएं औषधि व भोजन बनाने में प्रयोग की होती है। सरकार द्वारा गुटखा पर रोक लगाने से सुपाड़ी का कारोबार काफी कम हो गया है इसका पूजा व पान में प्रयोग होता है। जीरा, सुपाड़ी की पैदावार उप्र में शून्य है इस पर शुल्क लगाने से मूल्य वृद्धि होगी। राजस्थान, गुजरात जैसे प्रदेशों में जीरा-सौंफ करमुक्त है। यूपी में बैट पहले से ही है, मंडी शुल्क लगाना गलत है।
राधेश्याम अग्रवाल, मनोज कुमार राया वाले, नन्नूमल वाष्र्णेय, अनिल कुमार, अरुण कुमार माहेश्वरी, गिर्राज किशोर गुप्ता, चन्द्र प्रकाश छाबड़ा, हरी मोहन शर्मा, अभय अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल, नरेश अग्रवाल, अशोक कुमार, गंगा सरन, हरी शंकर, हीरेन्द्र कुमार, राजकुमार सहपऊ वाले, अशोक खंडेलवाल, शिव शंकर ने मंडी शुल्क हटाने की मांग का समर्थन किया है।