धूमधाम से निकली चैतन्य महाप्रभु की प्रभात फेरी
संवाद सहयोगी, हाथरस : सासनी के रामलीला मैदान में चल रहे महाप्रभु चैतन्य लीला व रासलीला के दौरान प्रभात फेरी निकाली गई। इसमें सैकड़ों महिला पुरुषों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। प्रभात फेरी का पुष्प वर्षा से भक्तों ने स्वागत किया।
रामलीला मैदान से सुबह सजे रथ में राम सीता और लक्ष्मण के स्वरूपों को विराजमान कर आरती की गई। साथ ही हरे कृष्ण हरे राम महामंत्र के साथ चैतन्य महाप्रभु नाम संकीर्तन संघ व पद्मश्री हरि गोविन्द महाराज वृन्दावन वालों के नेतृत्व में श्रीकृष्ण चैतन्य महामंत्र संघ द्वारा प्रभात फेरी रामलीला मैदान से मोहल्ला विष्णुपुरी, प्रकाश एकाडमी, जामा मस्जिद, पुरानी पुलिस चौकी, बच्चा पार्क, सेंट्रल बैंक, शहीद पार्क, बस स्टेंड चेतराम धर्मशाला, मथुरा बाजार, कमला बाजार, गांधी चौक पथवारी मंदिर, मोहल्ला चामणवाला, बजरिया, चिंताहरण मंदिर, अयोध्या चौक, ठंडी सड़क, राधाकृष्ण मंदिर से होते हुए वापस रामलीला मैदान में सम्पन्न हो गई। दरवाजों पर बंदरवान पुष्प मालाएं लटका कर जगह-जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया। इस दौरान मुख्य रुप से विपिन लवानियां, अंकुर अग्रवाल, आशू शर्मा, ललित गौड़, अमन श्रोती, अंकुर वर्मा, विवेक चन्द्र अग्रवाल, अभिषेक शर्मा, विवेक शर्मा, योगेश शर्मा, लढ़ोकी दास, रोहित वर्मा, धर्मवीर , कमल वाष्र्णेय, गौरव वर्मा, आदि सैकड़ों महिला पुरुष मौजूद थे।
जब हरि के सामने झुके मुगल
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संवाद सहयोगी, सासनी : रामलीला मैदान में चल रहे महाप्रभु चैतन्य लीला व रासलीला के दौरान आचार्य हरगोविन्द दास महाराज वृन्दावन वालों ने मुगलों को प्रभु के सामने झुकने की घटना रोचक ढंग से सुनाई।
इतवार को आचार्य ने सुनाया कि मुगलों ने चैतन्य महाप्रभु संकीर्तन प्रभात फेरी पर रोक लगा दी थी। हरदिास ने जब यह शिकायत महाप्रभु चैतन्य से की तो महाप्रभु ने सभी भक्तों को हरिनाम की प्रभातफेरी निकालने का निर्देश दिया। प्रभात फेरी नगर से होते हुए जब चौराहे पर पहुंची तो मुगलों ने अपने सामंतों का इसे रोकने को कहा, लेकिन सामंत भी प्रभातफेरी में झूमने लगे। इस पर मुगलों को हरिनाम के आगे नतमस्तक होना पड़ा।