बिलग्राम में मीट विक्रेताओं पर कसा शिकंजा
संवाद सहयोगी, बिलग्राम : शासन के निर्देश पर नगर पालिका ने मीट विक्रेताओं पर शिकंजा कस दिया है। जगह-ज
संवाद सहयोगी, बिलग्राम : शासन के निर्देश पर नगर पालिका ने मीट विक्रेताओं पर शिकंजा कस दिया है। जगह-जगह हो रही मीट की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
नगर में मुहल्ला मंडई निवासी सईद और शरीफ, सुल्हाड़ा के वहीद और नफीस तथा कासूपेट के मोहसिन आदि पांच लोगों ने पालिका से मीट बेचने का लाइसेंस ले रखा था। कुछ बाजार तो कुछ गुमटियों में मीट बेचते थे। अधिशासी अधिकारी मीनू ¨सह ने बताया कि पूर्व में जारी लाइसेंस शासन की बदली हुई नीति के बाद स्वत: निरस्त हो गए हैं। अब जगह-जगह पूर्व की भांति मीट नहीं बेचा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि अब सिर्फ कानूनी प्रक्रिया पूर्ण करने वाले वैध स्लाटर हाउस ही चलेंगे। उन्हीं स्लाटर हाउस से मीट लाकर उसे लाइसेंस धारी बेच सकेंगे। शासन से नए निर्देश आने के बाद ईओ ने भ्रमण कर बेचे जा रहे मीट को बंद करा दिया है। जिसकी निरीक्षण आख्या भी निदेशक को भेज दी गई है।
निगरानी के लिए लगाए गए पालिका कर्मी : नगर पालिकाओं को प्रमुख सचिव राहुल भटनागर की तरफ से भेजे गए शासनादेश के अनुसार अब खुलेआम मीट बेचना मुश्किल होगा। स्लाटर हाउस भी आबादी के बीच या उसके निकट नहीं खोले जा सकेंगे तथा धार्मिक स्थलों, कालेजों के निकट मीट बेचने पर भी पाबंदी रहेगी। शासन ने निर्देश जारी करने के साथ ही इसके अनुपालन के लिए 10 जिला स्तरीय विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक समिति भी बनाई है। जिसमें पालिका के अधिशासी अधिकारी की जवाबदेही तय की गई है। नया शासनादेश आने के बाद स्लाटर हाउस चलाना आसान नहीं होगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पशु चिकित्सा विभाग, परिवहन विभाग, खाद्य विभाग तथा श्रम विभाग आदि से स्लाटर हाउस खोलने की परमीशन लेनी पड़ेगी। इसके साथ ही गोवंश के वध पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। शासन के नए निर्देश आने के बाद मीट विक्रेता असमंजस में हैं। वहीं अधिकारी शासनादेश के नियमों का पूर्ण अनुपालन कराने की बात कह रहे हैं। मीट विक्रेताओं पर निगरानी के लिए अलग से भी पालिका कर्मियों को लगा दिया गया है।