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वित्तविहीन शिक्षकों को लगा झटका

हरदोई, जागरण संवाददाता : माध्यमिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 05:18 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 05:18 PM (IST)

हरदोई, जागरण संवाददाता : माध्यमिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को मानदेय के लिए जारी शासनादेश ने झटका दिया है। विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को राजकीय शिक्षकों के समकक्ष अर्हता होने पर ही मानदेय मिल सकेगा। वहीं जिन मान्यता प्राप्त विद्यालयों के विद्यार्थी वर्ष 2012 की परीक्षा में शामिल हुए थे उस वर्ष तक के शिक्षकों को इसमें शामिल किया जाएगा। इन विद्यालयों की संख्या घट कर काफी कम हो सकती है। इससे मानदेय प्राप्त के लिए शिक्षकों को अभी मशक्कत करनी पड़ेगी।

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माध्यमिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को मानदेय देने के लिए शासनादेश जारी किया गया है। इसके साथ ही बजट भी शासन से आवंटित कर दिया गया है। शिक्षकों को मानदेय जारी करने के लिए प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा की ओर से शासनादेश जारी किया गया है, जिसके तहत वित्त विहीन विद्यालयों में अंशकालिक शिक्षकों को मानदेय प्राप्त करने के लिए योग्यता निर्धारित की गई है, जो राजकीय शिक्षकों के समकक्ष होगी। उन विद्यालयों के शिक्षकों को इसमें शामिल किया जाएगा, जिनकी मान्यता वर्ष 2010 तक जारी हुई हो और उनके विद्यालयों के विद्यार्थियों ने वर्ष 2012 की बोर्ड परीक्षा दी हो। जिले में वर्तमान में 547 विद्यालय संचालित हैं। इनमें 41 राजकीय व 71 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय हैं। शेष वित्त विहीन विद्यालय शामिल हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो वर्ष 2012 के परीक्षा में लगभग 300 स्कूलों के विद्यार्थियों ने ही प्रतिभाग किया था। शेष विद्यालय के शिक्षक इस योजना से बाहर हो सकते हैं।

यह देना होगा शपथ पत्र : स्कूल में शिक्षण कार्य कर रहे जिन वित्त विहीन शिक्षकों का चयन किया जाएगा उनको एक शपथपत्र देना होगा, जिसमें शिक्षक का नाम, पिता का नाम, संस्था का नाम, उनका पता, खाता संख्या आदि का विवरण दर्ज होगा।

इतना मिलेगा मानदेय

प्रधानाचार्य : 13,090 रुपये

प्रधानाध्यापक : 11,900 रुपये

प्रवक्ता : 10,890 रुपये

सहायक अध्यापक : 9,790 रुपये

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शासनादेश के अनुसार जो शिक्षक पात्रता श्रेणी में आते हैं उन शिक्षकों को मानदेय उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए शासनादेश का अध्ययन कर कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

कमलाकर पांडेय, डीआईओएस


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