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किसानों की भी अपनी होगी आईडी

हरदोई, जागरण संवाददाता : मतदान में फर्जीवाड़ा रोकने को जिस प्रकार मतदाता पहचान पत्र जारी किए गए हैं,

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 05:29 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 05:29 PM (IST)
किसानों की भी अपनी होगी आईडी

हरदोई, जागरण संवाददाता : मतदान में फर्जीवाड़ा रोकने को जिस प्रकार मतदाता पहचान पत्र जारी किए गए हैं, उसी प्रकार किसानों को भी अब अपनी उपज बेचने व उसकीं जानकारी रखने के लिए अलग से आईडी जारी की जाएगी। इसमें किसान के खेत समेत फसल आदि का विवरण दर्ज किया जाएगा। किसान इसके तहत देश की किसी भी मंडी में अपनी उपज बेच सकेंगे और योजनाओं का लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे। प्रदेश की 60 मंडियों का चयन किया गया है जिसमें जिले की दो मंडियों को भी शामिल किया गया है। इससे किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा।

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केंद्र की ओर से नेशनल एग्रीकल्चर प्रोग्राम के तहत ई-नाम साफ्टवेयर तैयार किया गया है, जो नागार्जुन फर्टीलाइजर ट्रे¨डग कंपनी के साथ मिलकर काम करेगी। इसके तहत प्रदेश की 60 मंडियों को साफ्टवेयर से जोड़ा जा रहा है। जिसमें जिले की नवीन मंडी हरदोई और मल्लावां को शामिल किया गया है। इसके लिए कंपनी की ओर से विश्लेषक विवेक कुमार को मंडी समिति में भेजा गया है। उन्होंने बताया ई-नाम साफ्टवेयर आल इंडिया की सभी मंडियों से जुड़ा है। इसमें आनलाइन उपज की कीमत और गुणवत्ता की पूरी जानकारी दर्ज रहती है। इस साफ्टवेयर के माध्यम से देश के किसी भी प्रांत या जिले की मंडी के भाव और वहां पर उपलब्ध उपज की उपलब्धता की जानकारी की जा सकती है। इसके लिए 28 फसलों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए किसान की अपनी आईडी तैयार की जाएगी। जिसमें उसके खेत, उपज, भूमि की उर्वरता और फसल की गुणवत्ता व मात्रा का अंकन किया जाएगा। इसके लिए मंडी से जुड़े सभी किसानों का विवरण साफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। जिसका कार्य शुरू हो गया है। इस साफ्टवेयर में कमीशन एजेंट और ट्रे¨डग कंपनी का भी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इससे किसान किस कंपनी को और कितनी मात्रा में उपज बेच रहा है इसका विवरण दर्ज रहेगा। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया पूरी होने में करीब एक साल का समय लग सकता है। इस पर काम शुरू हो गया है।

तीन श्रेणी में दर्ज होंगे किसान : साफ्टवेयर में किसानों को तीन श्रेणी में बांटा गया है। जिसमें उच्च श्रेणी, मध्यम श्रेणी व निम्न श्रेणी के किसान शामिल होंगे। इनका वर्गीकरण उनके पास कृषि योग्य भूमि के आधार पर किया जाएगा। मध्य और निम्न श्रेणी के किसानों को केंद्र की ओर से उनको और उनके परिवार को दी जाने वाली कई योजनाओं का भी लाभ दिया जाएगा।

पूरे देश की मंडी का पता चलेगा भाव : इस साफ्टवेयर में पंजीकरण के बाद किसान अपनी आईडी खोलेगा तो उसको पूरे देश की मंडियों का विवरण दिखाई देगा। जिसमें मंडी में उपज का भाव और उसकी उपलब्धता का इस साफ्टवेयर के माध्यम से जानकारी ले सकेंगे। इससे किसान और व्यापारियों दोनों को लाभ मिलेगा।


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