ई-मस्टर रोल फीड न होने से फंसा भुगतान
हरदोई, जागरण संवाददाता : मनरेगा में वैसे तो लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार की उपलब्धता और समय से श्
हरदोई, जागरण संवाददाता : मनरेगा में वैसे तो लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार की उपलब्धता और समय से श्रमांश के भुगतान की व्यवस्था दी गई है। जिले में खंड विकास अधिकारियों की मनमानी से यह व्यवस्था फ्लाप होती नजर आ रही है। 15 दिन के अंतराल पर श्रमांश के भुगतान की तो बात दूर ई-मस्टर रोल ही फीड नहीं हो पा रहे हैं। ई-मस्टर रोल फीड न हो पाने से जहां मनरेगा की प्रगति पिछड़ रही हैं वहीं श्रमिकों को समय से भुगतान भी नहीं हो पा रहा है।
मनरेगा में कराए जाने वाले कार्यों के लिए प्राक्कलन तैयार कराए जाने के साथ ही परियोजना पर श्रमिक के तौर पर लगाए जाने वाले जाब कार्ड धारकों के विवरण के साथ ई-मस्टर रोल भी जनरेट कराए जाने की व्यवस्था है। ई-मस्टर पर ऐसे श्रमिकों को विवरण तैयार कराया जाता है जिन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाना है। इसी के साथ मनरेगा से होने वाले एक-एक कार्य के प्राक्कलन में कई-कई ई-मस्टर जनरेट किए जाते हैं। संबंधित परियोजना पर कार्य शुरू होने के साथ ही एक ई-मस्टर रोल के भरते ही इसे फीड कराए जाने के लिए विकास खंड पर वापस करा दिया जाता है। यहां पर भरे हुए ई-मस्टर रोल को 15 दिन के अंदर आनलाइन फीड कराने के साथ ही भुगतान की प्रक्रिया को कराया जाता है। जिले में 19 विकास खंडों में 15 दिन से अधिक की अवधि से 21 हजार 806 ई-मस्टर रोल फीड कराए जाने के लिए लंबित हैं। ई-मस्टर रोल लंबित होने से श्रमिकों का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है। मनरेगा उपायुक्त आरएन भगत का कहना है कि 15 दिन से अधिक की अवधि से ई-मस्टर रोल लंबित होना लापरवाही का परिचायक है। बीडीओ को इस संबंध में निर्देशित किया गया है कि वह लंबित सभी ई-मस्टर रोल को फीड कराकर श्रमांश का भुगतान सुनिश्चित कराएं।