200 हैंडपंपों ने बंद किया पानी उगलना
मल्लावां, संवाद सूत्र : गर्मी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में लगे हैंडपंप वाटर लेबल कम होने से पानी कम
मल्लावां, संवाद सूत्र : गर्मी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में लगे हैंडपंप वाटर लेबल कम होने से पानी कम दे रहे हैं, तो दो सौ से अधिक हैंडपंप खराब पड़े हैं, जो रीबोर का इंतजार कर रहे हैं।
गर्मी में पीने के पानी की अधिक आवश्यकता होती है। गांवों में ताल तलैया सूखे होने के चलते मनुष्य क्या जानवर भी हैंडपंपों के ही सहारे रह गए हैं। अधिक लोड होने के चलते हैंडपंप यांत्रिक खराबी का शिकार हो रहे हैं या फिर वाटर लेबल कम होने के चलते पानी देना ही बंद कर दिया है। ईश्वरपुर साईं ग्राम पंचायत में 150 हैंडपंप लगे हैं, जिसमें 50 ने पानी देना बंद कर दिया है। प्रधान अरुणा देवी बताती हैं कि बिजली आने पर खेतों में लगे ट्यूबवेल चालू हो जाने से हैंडपंप पानी नहीं देते हैं तो ग्राम पंचायत कल्यानपुर में 10 हैंडपंप खराब पड़े हैं। इस्लामपुर जगाई में 15, सुमेरपुर में 18, मेहदीपुर में 12, तेंदुआ में 11, गोसवां में 13, बरौना में 15, शाहपुर गंगा में 14, बखौरा में 11, बेरिया नजीरपुर में 13, रामपुर में 12, कोकटमऊ में 10, कोड़रमऊ में नौ, मागझांव में पांच हैंडपंप खराब है। इसी तरह अन्य ग्राम सभाओं में आधा दर्जन से अधिक हैंडपंपों ने या तो पानी देना बंद कर दिया है या फिर खराबी के चलते बंद पड़े हैं। अमृत लाल दीक्षित बताते हैं कि उनके यहां के हैंडपंप ने पानी देना बंद कर दिया तो दूसरा हैंडपंप लगवाया। थोड़ी देर चलाने के बाद उसने पानी देना बंद कर दिया है। हैंडपंपों के पानी न देने से लोगों को पेयजल की परेशानी हो रही है। उन्हें दूर हैंडपंपों से पानी लाना पड़ रहा है। खंड विकास अधिकारी रवीश चंद्र यादव कहते हैं कि कोई भी हैंडपंप खराब होने की सूचना नहीं है। सभी हैंडपंप ठीक हैं। कोई भी सूचना आने पर तत्काल कर्मचारियों को अवगत कराया जाता है कि हैंडपंप ठीक कराया जाए। ठीक न होने पर कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।