मुन्नाभाइयों की शरण स्थली बन रहा जिला
हरदोई, जागरण संवाददाता : जिला मुन्ना भाइयों की शरण स्थली बन गया है। कई विभागों में खेल सामने आ चुके
हरदोई, जागरण संवाददाता : जिला मुन्ना भाइयों की शरण स्थली बन गया है। कई विभागों में खेल सामने आ चुके हैं। मगर व्यवस्था पर जुगाड़ भारी पड़ती गई और उनके हौसले भी बुलंद हैं। वैसे तो देखा जाए तो पूरे प्रदेश में रैकेट फैला है लेकिन अब परिषदीय विद्यालयों में बड़े पैमाने पर हुई कार्रवाई ने फर्जीवाड़े की कलई खोल दी है।
बताते चलें कि वर्ष 2004 में विशिष्ट बीटीसी के तहत बीएड डिग्री धारकों को परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त प्रक्रिया शुरू हुई थी। परिषदीय विद्यालय बीएड डिग्री धारकों की नियुक्त के साथ ही फर्जीवाड़ा भी शुरू हो गया। वर्ष 2004 में विशिष्ट बीटीसी के तहत चयनित किए गए 394 प्रशिक्षणार्थियों में 24 प्रशिक्षणार्थियों के सत्यापन के दौरान प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। जिस पर डायट प्रशासन की ओर से उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई थी। इसके बाद वर्ष 2007 में विशिष्ट बीटीसी के तहत चयनित प्रशिक्षणार्थियों में छह के प्रमाण पत्र फर्जी मिले, जिस पर उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। इसके बाद कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के चयन में तीन शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे, जिस पर उनको बर्खास्त किया गया था। यह सिलसिला अनवरत जारी रहा। वर्ष 2011 के 72 हजार टीईटी नियुक्त में आनलाइन सत्यापन में 38 शिक्षक फर्जी पाए गए। जिनकी सेवा समाप्त कर एफआइआर दर्ज कराई गई। इसके बाद बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और उर्दू बीटीसी के तहत वर्ष 2014 में नियुक्त किए गए शिक्षकों में 66 शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्र में आनलाइन सत्यापन में फर्जी पाए गए। इनमें 14 ऐसे शिक्षक थे, जिनके अभिलेख तक उपलब्ध नहीं मिले। जिस पर इन सभी को बर्खास्त कर एफआइआर दर्ज कराई गई थी। यह मामला भी शांत नहीं हुआ था कि जूनियर शिक्षकों की भर्ती 15 और शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन फर्जी मिले। इस पर उनकी सेवा समाप्त कर कार्रवाई की गई है। बेसिक शिक्षा विभाग के अलावा जनपद में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं श्रम परियोजना के तहत तैनात किए गए कई कर्मियों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले। जिनकी सेवा समाप्त की कार्रवाई की जा चुकी है। जिले में चल रहे इस रैकेट के तार जिले से लेकर विश्वविद्यालय व बोर्ड तक फैले हुए हैं। इस कारण कई मुन्नाभाई बचे हुए हैं। वैसे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. ब्रजेश मिश्रा ने रिकार्ड कार्रवाई की है। अभी तक इतनी संख्या में बर्खास्तगी नहीं हुई थी। बीएसए का कहना है कि उन्होंने गहराई से जांच कराई। जांच और कार्रवाई को लेकर उन्हें तमाम दवाब भी सहने पड़े लेकिन उन्होंने फर्जी लोगों को नहीं घुसने दिया और नौकरी पाने वालों को बर्खास्त ही किया गया।