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6 कार्यकत्रियों, 4 सहायिकाओं की सेवा समाप्ति के आदेश

हरदोई, जागरण संवाददाता : 6 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और चार सहायिकाओं को लापरवाही भारी पड़ गई है। डीएम क

By Edited By: Published: Wed, 04 May 2016 05:23 PM (IST)Updated: Wed, 04 May 2016 05:23 PM (IST)
6 कार्यकत्रियों, 4 सहायिकाओं की सेवा समाप्ति के आदेश

हरदोई, जागरण संवाददाता : 6 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और चार सहायिकाओं को लापरवाही भारी पड़ गई है। डीएम की ओर से कराए गए निरीक्षण में मिली लापरवाही पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बाल विकास परियोजना अधिकारियों को कार्यकत्रियों, सहायिकाओं की सेवा समाप्ति के आदेश दिए हैं।जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश चौरसिया ने बताया कि 30 अप्रैल को डीएम के निर्देश पर जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से किए गए निरीक्षण में बाल विकास परियोजना कोथावां का आंगनबाड़ी केंद्र अटवा मुठिया की कार्यकत्री निर्मला देवी गैरहाजिर मिली थी। जबकि सांडी परियोजना का दस्योली केंद्र बंद पाया गया था। उन्होंने बताया कि टोडरपुर परियोजना में निरीक्षण के दौरान बूढ़नपुर में आंगनबाड़ी केंद्र प्रथम की कार्यकत्री मिथलेश कुमारी, सहायिका कल्पना यादव गैरहाजिर मिली थी। जबकि द्वितीय केंद्र पर कार्यकत्री नीलम कुमारी और सहायिका रजनी उपस्थित मिली थी, लेकिन बच्चों की संख्या कम पाई गई थी।उन्होंने बताया कि बाल विकास परियोजना कछौना का आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाया गया था। हरपालपुर परियोजना के ककरा आंगनबाड़ी केंद्र प्रथम बंद मिला था और द्वितीय केंद्र पर कार्यकत्री बीना ¨सह गैरहाजिरी मिली थी। उन्होंने बताया कि निरीक्षण आख्या उनके कार्यालय में उपलब्ध हो गई है। उन्होंने गैरहाजिर मिली 6 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और 4 सहायिकाओं की सेवा समाप्ति के आदेश संबंधित परियोजना की सीडीपीओ को दिए हैं।

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मुख्य सेविकाओं से किया गया जवाब-तलब : जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश चौरसिया ने बताया कि जहां पर आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिले या कार्यकत्री गैरहाजिर मिली हैं उन क्षेत्रों की मुख्य सेविकाओं से जवाब-तलब किया गया है। उन्होंने बताया कि हरपालपुर परियोजना की मुख्य सेविका रामदुलारी, कछौना की मुख्य सेविका विनीता शुक्ला, टोडरपुर परियोजना की मुख्य सेविका साधना वर्मा, सांडी परियोजना की मुख्य सेविका मंजू मिश्रा और कोथावां परियोजना की मुख्य सेविका सुमित्रा से क्षेत्र में शिथिल पर्यवेक्षण और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, सहायिकाओं पर प्रभावी नियंत्रण न होने का दोषी माना गया है।


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