देश में मचा बवाल तो 'भुवन' को याद आया लगान
आनंद मिश्रा, हरदोई : लगान फिल्म में भले ही आमिर खान ने भुवन बन कर गांव भर को अंग्रेजों के खिलाफ जगा
आनंद मिश्रा, हरदोई : लगान फिल्म में भले ही आमिर खान ने भुवन बन कर गांव भर को अंग्रेजों के खिलाफ जगा लिया हो, लेकिन आजाद भारत के भुवन तो बकाया लगान पर देश भर में हुई फजीहत के बाद ही जागे। आमिर खान के मुंबई स्थित मुख्यालय से फोन आने के बाद बकाया लगान तो जमा कर लिया गया, लेकिन मुख्तार (प्राधिकार पत्र) आने तक जमा किए गए लगान की रसीद तहसील में ही जमा रहेगी।
असहिष्णुता को लेकर फिल्म अभिनेता आमिर खान द्वारा दिए गए बयान पर बवाल मच गया था। तब उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी किरण राव को देश में डर लगता है। इसके बाद उनके पैतृक गांव शाहाबाद तहसील के अख्तियारपुर में उनके खेतों और बागों पर लगान बाकी होने का मामला सामने आया था। शाहाबाद तहसील में उपलब्ध अभिलेखों के मुताबिक आमिर खान पर 157 रुपये 60 पैसे का लगान बकाया है, जबकि उनके एक भाई और एक बहन पर भी 38 रुपये और 28 रुपये का लगान बाकी है। बीती 25 नवंबर के अंक में जागरण ने इसका खुलासा किया था। लगान बाकी होने की खबर आने के बाद आमिर खान की किरकिरी पूरे देश में होने लगी थी। बहरहाल स्थिति संभालने के लिए यहां उनके खेतों और बागों की देखरेख कर रहे लोगों ने प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। इन्हीं में शामिल मुन्ना ने शाहाबाद तहसील पहुंच कर बकाया लगान अदा करने की कोशिश की, लेकिन संबंधित क्षेत्र का अमीन उन्हें लेकर उप जिलाधिकारी डा. अशोक कुमार शुक्ला के पास पहुंच गया। डा. शुक्ला ने मुन्ना से लगान जमा करने से पहले मुख्तार दिखाने को कहा, लेकिन मुन्ना ने मुख्तार न होने की बात कही। इस पर एसडीएम डा. शुक्ला ने लगान जमा कराने से इन्कार कर दिया। हालांकि देर शाम आमिर खान के मुंबई स्थित कार्यालय से उनके सहायक आरिफ खान ने एसडीएम डा. शुक्ला से लगान जमा करने का अनुरोध किया। इसके बाद लगान तो जमा हो गया, लेकिन रसीद तहसील में ही रहेगी। एसडीएम डा. शुक्ला ने बताया कि आमिर खान के कार्यालय से फोन और ईमेल आया है। बावजूद इसके उन्होंने मुख्तार आने तक लगान की रसीद तहसील में ही रखने का फैसला लिया है। मुख्तार आने के बाद संबंधित व्यक्ति को यह रसीद सौंप दी जाएगी।