सरकारी धान खरीद के तारणहार बनेंगे आढ़ती
हरदोई, जागरण संवाददाता : खेतों में भले ही अभी धान की फसल तैयार न हुई हो, लेकिन धान की सरकारी खरीद क
हरदोई, जागरण संवाददाता : खेतों में भले ही अभी धान की फसल तैयार न हुई हो, लेकिन धान की सरकारी खरीद के लिए प्रशासनिक स्तर पर कवायद तेज हो गई है। गेहूं खरीद की तरह इस बार भी आढ़ती और सहकारी समितियां ही सरकारी धान खरीद की तारणहार बनेंगी। आढ़तियों और समितियों को ढाई फीसद मुनाफा देकर इनके माध्यम से खरीद किए जाने का निर्णय शासन स्तर पर हो चुका है।
धान की सरकारी खरीद का कार्य एक अक्तूबर से शुरू होकर 31 जनवरी तक होगा।शासन ने जनपद में धान खरीद के लिए स्पष्ट लक्ष्य का निर्धारण नहीं किया है, लेकिन गत वर्ष के लक्ष्य से दोगुने धान खरीदने की तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। गत वर्ष 65 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य शासन स्तर से दिया गया था, ऐसे में इस बार एक लाख 30 हजार मीट्रिक टन लक्ष्य होना संभावित है। धान खरीद के प्रभारी और अपर जिलाधिकारी लक्ष्मी शंकर ¨सह का कहना है कि एक लाख 30 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद सरकारी क्रय केंद्रों, आढ़तियों और समितियों के माध्यम से कराने की तैयारी की जा रही है। श्री ¨सह की मानें तो फिलहाल पांच क्रय एजेंसियों के 52 स्थानों पर क्रय केंद्र खोले जाने की तैयारी कर ली गई है। एडीएम ने बताया कि धान की सरकारी खरीद को लेकर वे दो बैठकें भी कर चुके हैं। इन बैठकों में क्रय एजेंसियों के जनपद स्तरीय अधिकारियों के अलावा राइस मिलर्स भी शामिल रहे थे।
1410 रुपये प्रति ¨क्वटल मिलेगा मूल्य : जिला विपणन अधिकारी दिनेश चंद्र मिश्र ने बताया कि इस बार कामन धान 1410 रुपये प्रति ¨क्वटल के हिसाब से खरीदा जाएगा। फाइन अथवा ग्रेड ए का धान 1450 रुपये प्रति ¨क्वटल के हिसाब से धान सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदा जाएगा। गत वर्ष की अपेक्षा 50 रुपये प्रति ¨क्वटल की वृद्धि की गई है। गत वर्ष कामन धान का मूल्य 1360 रुपये और ग्रेड ए का 1400 रुपये प्रति ¨क्वटल था।
आढ़तियों से मांगे गए आवेदन : अपर जिलाधिकारी लक्ष्मी शंकर ¨सह ने बताया कि आढ़तियों के माध्यम से धान खरीद को रफ्तार दी जाएगी। सरकारी खरीद के लिए लाइसेंस जारी करने के निर्देश अनौपचारिक तौर पर शासन दे चुका है। उन्होंने बताया कि कमीशन एजेंट के तौर पर सरकारी खरीद के लिए कार्य करने च्े इच्छुक आढ़ती जिला विपणन अधिकारी कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।
गत वर्ष नहीं हासिल हो पाया था लक्ष्य : धान खरीद को लेकर इस बार एक माह पहले से ही प्रशासन की तैयारियां यूं ही नहीं हो रहीं। गत वर्ष धान खरीद का लक्ष्य काफी मशक्कत के बाद भी हासिल नहीं हो पाया था। 65 हजार मीट्रिक टन के सापेक्ष 45 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो पाई थी।