..और चौपालों पर आ गई बहार
हरदोई, जागरण संवाददाता : ग्राम प्रधान पद के आरक्षण की तस्वीर अनौपचारिक तौर पर ही सही, लेकिन काफी हद
हरदोई, जागरण संवाददाता : ग्राम प्रधान पद के आरक्षण की तस्वीर अनौपचारिक तौर पर ही सही, लेकिन काफी हद तक साफ हो गई है। इस तस्वीर के साफ होने के साथ ही गांवों की चौपालों पर फिर से बहार नजर आने लगी है। सुबह-शाम लगने वाली चौपालें अब दिन में भी सजी नजर आती हैं। मुद्दा सिर्फ एक ही है कि बदले आरक्षण में चुनाव कौन-कौन लड़ेगा और जीत किसकी होगी। इसके कारणों की भी चर्चा खूब चल रही है।
ग्राम पंचायतों के प्रधान पद के लिए 15 दिसंबर से पहले ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जानी है। आरक्षण की औपचारिक सूची तीन सितंबर तक जारी की जानी है। यह बात और है कि अधिकतर दावेदारों को समाचार पत्रों के माध्यम से पता चल चुका है कि उनकी सीट पर आरक्षण की क्या स्थिति है। इसी आधार पर गांव में चर्चाएं भी चल निकली हैं। गांव की जो चौपालें लोगों की व्यस्तता के चलते सुबह और शाम ही सजती थीं, लोगों की संख्या भी कम हो गई थी, पर अब बहार आ गई है। चौपालें सुबह सज जाती हैं और फिर रात में ही चर्चाओं का दौर थमता है। कहीं आरक्षण को लेकर किसी को बेचारा बताया जाता है तो कहीं किसी की किस्मत खुल जाने की बात भी इन चौपालों पर हो रही है। आरक्षित हुई सीटों पर संभावित मोहरा कौन बनेगा से लेकर हार-जीत का गणित भी चौपालों पर लगने लगी है। कुल मिला कर पंचायत चुनावों की सरगर्मी के बीच चौपालों की रौनक फिर से लौट आई है।