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सीएमओ और डीपीओ को भी गोद लेने पड़े गांव

हरदोई, जागरण संवाददाता : अंतत: वही हुआ जिससे बचने की कोशिश मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला कार्यक्रम

By Edited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 05:07 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 05:07 PM (IST)

हरदोई, जागरण संवाददाता : अंतत: वही हुआ जिससे बचने की कोशिश मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी राज्य पोषण मिशन की शुरुआत से ही बच रहे थे। शासन द्वारा नाराजगी जताए जाने के बाद इन दोनों अधिकारियों ने भी दो-दो गांव गोद ले लिए हैं। फजीहत से बचने के लिए शनिवार को ही इसकी जानकारी भी शासन को भेज दी गई।

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राज्य पोषण मिशन के तहत सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को दो-दो गांव गोद लेने के निर्देश दिए गए थे। डीएम-सीडीओ सहित 41 अफसरों ने दो-दो गांव गोद भी ले लिए थे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीके गुप्ता और जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश चौरसिया ने गांव गोद नहीं लिए थे। इसके पीछे तर्क यह था कि गोद के गांवों के साथ-साथ उन्हें विभाग की सभी योजनाओं को भी हर गांव में लागू कराना है। इसके अलावा स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के आयोजन की निगरानी भी इन्हीं दोनों अधिकारियों के जिम्मे हैं। बीते दिनों शासन ने इन दोनों अफसरों द्वारा गांव गोद न लिए जाने पर नाराजगी जताई थी। जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश चौरसिया ने संडीला विकास खंड के ग्राम सांक और बिलग्राम ब्लाक के ग्राम पैदापुर को गोद लिया है। इसी तरह मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीके गुप्ता ने भी टड़ियावां विकास खंड के पुरा बहादुर और पिहानी ब्लाक के भीठी नेवादा को गोद लिया है। डीपीओ ने बताया कि शासन को गोद लिए गए गांवों के बारे में जानकारी भेज दी गई है।


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