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अग्रिम जमानत व्यवस्था न लागू करने की बार कौंसिल ने की निंदा

हरदोई, जागरण संवाददाता : प्रदेश सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में उत्तर-प्रदेश में अग्रिम जमानत का

By Edited By: Published: Sun, 24 May 2015 01:31 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2015 01:31 AM (IST)

हरदोई, जागरण संवाददाता : प्रदेश सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में उत्तर-प्रदेश में अग्रिम जमानत का प्रावधान न लागू किए जाने का मन्तव्य प्रकट करने की अधिवक्ता संघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष तथा यूपी बार कौंसिल के पूर्व चेयरमैन अजय कुमार शुक्ल ने तीव्र शब्दों में निंदा की।

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उन्होंने कहा कि यूपी बार कौंसिल द्वारा राज्य सरकार से प्रदेश में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 का संशोधन स्थगित कर अग्रिम जमानत का प्रावधान लागू करने की मांग की गई थी। जिस पर ध्यान न देकर प्रदेश सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में उपरोक्त मन्तव्य प्रगट किया गया जो खेदजनक है। उन्होंने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 का संशोधन जिसके परिणाम स्वरूप 7 वर्ष तक दंडनीय मामलों में पुलिस द्वारा गिरफ्तारी पर काफी अंकुश लगाया जाना। जिसका एक ओर कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा। दूसरी ओर 7 वर्ष तक दंडनीय मामलों में पुलिस द्वारा जमानत के अधिकार के उपयोग में मारी मात्रा में अवैध वसूली की जा रही है। इस संबंध में यूपी बार कौंसिल द्वारा प्रदेश में धारा 41 सीआरपीसी का संशोधन स्थगित कर प्रदेश में अग्रिम जमानत का प्रावधान लागू कर व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित किए जाने की मांग की गई थी। जो कि धारा 41 सीआरपीसी का मुख्य उद्देश्य बताया जा रहा है। परन्तु प्रदेश सरकार द्वारा अग्रिम जमानत का प्रावधान प्रदेश में लागू न किए जाने से अधिवक्ता समाज और जनता में तीव्र आक्रोश है। सरकार ने अपनी जन विरोधी नीतियों में बदलाव न किया तो भारी विरोध झेलना पड़ेगा।


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