'महिलाओं और बच्चों के प्रति संवदेनशील रहे पुलिस'
लखीमपुर : नव चेतना जेंडर संवेदीकरण नामक एक संगोष्ठी का आयोजन मंगलवार को विलाबी मेमोरियल हाल के सभागा
लखीमपुर : नव चेतना जेंडर संवेदीकरण नामक एक संगोष्ठी का आयोजन मंगलवार को विलाबी मेमोरियल हाल के सभागार में किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस प्रशासन महिलाओं एवं बच्चों के मुद्दों के प्रति संवेदित हो व उन्हें हक दिलाने में तुरंत कार्रवाई कर सके। इस संगोष्ठी का आयोजन एम लखनऊ एवं रोजी-रोटी यूनियन द्वारा एक्शनएड के सहयोग से आयोजित किया गया।
इस संगोष्ठी की मुख्य अतिथि सुतापा सान्याल एडीजी मानव अधिककार आयोग, महिला सम्मान प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया कि महिला सम्मान प्रकोष्ठ महिला सशक्तीकरण के लिए ¨हसा न हो उसके लिए काम करता है। उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी महिला अपना ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करा सकती है और उनकी दरखास्त को संज्ञात में लेकर तुरंत कार्रवाई की जाएगी और यह तब तक चलेगा जबतक शिकायतकर्ता पूर्ण रूप से फैसले से सहमत न हो जाए। रेनू मिश्रा एडवोकेट एवं सदस्य आली संगठन ने पाक्सो एक्ट एवं पीसी के अंतर्गत यौनिक उत्पीड़न एक्ट को विस्तार रूप से प्रस्तुत किया। साथ ही साथ पुलिस विभाग के लोगों के अपने कार्य के दौरान आ रहे दिक्कतों एवं परिस्थितियों के सवालों को भी विस्तार पूर्वक समझाया व निपटारे की सलाह दी। अर¨वद सेन पुलिस अधीक्षक, लखीमपुर ने एम, रोजी रोटी संगठन, एक्शनएड, आली संगठन को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज देश में कई कानून बन गए हैं। उनका सही क्रियान्वयन नहीं हो पाता है क्योंकि कई रूप में लोगों की जानकारी नहीं होती है, लेकिन आप लोगों के द्वारा कानून की जो नई जानकारी दी गई है वो लाभकारी होगा। पुलिस वालों की यह जिम्मेदारी बनती है कि कोई भी अपनी समस्या लेकर आए तो उसकी तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। विनोद कुमार ¨सह मुख्य कार्यकारिणी एम लखनऊ ने बताया कि एम का प्रयास रहता है कि अगर किसी के प्रति अन्याय हो तो उसको सही न्याय मिले। संगोष्ठी के दौरान दो केसों के समक्ष रखा गया। जिसमें पुलिस द्वारा महिलाओं के रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी। कार्यक्रम का संचालन एक्शनएड लखनऊ से आयी मनीषा ने किया। इस संगोष्ठी में लगभग सौ पुलिस कर्मी और रोजी-रोटी संगठन के श्वेता ¨सह, आशाराम, संतराम, अनीता, रंजीत कुमार, सोबरन लाल, अशोक एवं अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।