खाद-बीज को अन्नदाता परेशान, जिम्मेदार अंजान
हरदोई, जागरण संवाददाता : अन्नदाताओं की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। धान की फसल से झटका
हरदोई, जागरण संवाददाता : अन्नदाताओं की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। धान की फसल से झटका खाए किसानों ने गेहूं की फसल में इसकी भरपाई करने की मंशा पाल रखी थी, लेकिन गेहूं के अनुदानित बीज न मिलने के कारण किसानों की इस मंशा पर भी पानी फिरा जा रहा है। रही सही कसर खाद न मिलने से पूरी हुई जा रही है।
जिले में लगभग साढ़े तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की खेती की जाती है। इस बार किसानों को गेहूं की बुवाई के लिए कृषि विभाग की ओर से दिए जाने वाले अनुदानित बीज को हासिल करने में ही मशक्कत करनी पड़ रही है। दरअसल कृषि विभाग से अनुदान पर मिलने वाला बीज उन्नत किस्म का होता है। खुले बाजार में यह आसानी से मिलता नहीं, किसी तरह मिल जाए तो सरकारी मूल्यों के सापेक्ष लगभग दो गुना कीमत खरीददार को चुकानी पड़ती है। ऐसा भी नहीं है कि बीज मिलने में किसानों को हो रही परेशानियों से अफसर अंजान हैं। किसान गोष्ठी से लेकर विभिन्न मौकों पर विरोध प्रदर्शन के जरिये किसानों की समस्या विभागीय अफसरों के साथ-साथ प्रशासन तक भी पहुंच गई है, लेकिन जिम्मेदार जानबूझ कर अंजान बने हुए हैं।
एक नजर जरूरत और उपलब्धता पर : कृषि विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो जनपद में गेहूं की बुवाई के लिए एक लाख 33,500 क्विंटल बीज की आवश्यकता है। शासन ने इसके सापेक्ष अब तक जिले को 44,195 क्विंटल बीज ही उपलब्ध कराया है। इस लिहाज से देखा जाए तो जिले के किसानों को अभी 89,305 क्विंटल बीज की आवश्यकता है। इतना बीज मिले तभी किसानों को राहत मिलेगी।
खुले बाजार के बीज पर लुट रहे किसान : अनुदानित बीज उपलब्ध न होने का पूरा फायदा बीज के कारोबार में लगी निजी क्षेत्र की कंपनियां उठा रही हैं। किसानों के लिए यह जरूरी है कि वे समय से गेहूं की फसल बो दें, तभी उपज भी बेहतर होगी। समय पर अनुदानित बीज नहीं मिल रहा, इसलिए किसानों का परेशान होना लाजिमी है। किसानों की इस परेशानी का पूरा फायदा खुला बाजार उठा रहा है। नियमों को दरकिनार कर महंगे दामों पर बिक रहा बीज किसान खरीदने को मजबूर हैं।
जिम्मेदार कहते हैं : जिला कृषि अधिकारी डा. वीके यादव ने कहा कि यह बात सही है कि लक्ष्य के सापेक्ष अनुदानित बीज पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाया। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी के माध्यम से शासन स्तर पर वार्ता के साथ-साथ पत्र भी अनुदानित बीज उपलब्ध कराने के लिए भेजा गया है।