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फर्जी आईडी पर सिम एक्टिवेशन का भंडाफोड़

हरदोई, जागरण संवाददाता : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोविंद अग्रवाल ने शनिवार को बताया कि एक मोबाइल कंपनी क

By Edited By: Published: Sat, 22 Nov 2014 05:39 PM (IST)Updated: Sat, 22 Nov 2014 05:39 PM (IST)
फर्जी आईडी पर सिम एक्टिवेशन का भंडाफोड़

हरदोई, जागरण संवाददाता : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोविंद अग्रवाल ने शनिवार को बताया कि एक मोबाइल कंपनी की ओर से फर्जी आईडी बनाकर प्री एक्टिवेट सिम बाजार में बेंचे जाने का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है।

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बताया कि फर्जी आईडी पर सिम बेचे जाने की जानकारी पर उन्होंने अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी अजय शंकर राय के निर्देशन में सीओ सिटी रामलाल राय के पर्यवेक्षण में कोतवाली शहर पुलिस की टीम को खुलासे के लिए लगाया था। बताया कि कोतवाली नागेश मिश्र, वरिष्ठ उप निरीक्षक सुरेश कुमार वर्मा, सदर चौकी प्रभारी राजीव सिंह आरक्षी राकेश खरवार की ओर से शहर के मुहल्ला अशराफ टोला में संचालित स्टार लिंक कंपनी के कार्यालय से 208 कस्टमर प्रार्थना पत्र बरामद किए गए। इन पर नए सिम एक्टिवेट किए जाने की प्रक्रिया की जा रही थी।

बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में 171 आवेदन में आईडी के तौर पर लगी ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी होने की पुष्टि हुई है। कुछ आवेदन में वोटर आई कार्ड लगाया गया है। इनकी सत्यता की जांच कराई जा रही है। कनक टेलीकाम, शीतल कम्युनिकेशन, श्याम ट्रेडर्स, चरित्र कम्युनिकेशन, एस कम्युनिकेशन, साई कम्युनिकेशन, एसके टेलीकाम, मां वैष्णों कम्युनिकेशन, प्रदीप कम्युनिकेशन,ठ्ठह्वद्यद्य, आरडी एजेंसी, अनिल कुमार गुप्ता ट्रेडर्स और आशुतोष टेलीकाम, संजीव टेलीकाम की ओर से फर्जी आईडी लगाकर सिम एक्टिेवेशन के लिए आवेदन उपलब्ध कराने की बात समाने आई है। एसएसपी ने बताया कि फर्जी आईडी बनाकर सिम बेचे जाने के मामले की कोतवाली शहर में एफआइआर भी दर्ज करा दी गई है। मामले की छानबीन जारी है। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी भी कराई जाएगी।

कुछ इस तरह से पुलिस को मिला क्लू : एएसपी अजय शंकर राय की माने तो शहर के मुहल्ला सिविल लाइन में अधिवक्ता अनिल मिश्रा की मां की हुई हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी सत्यम ने फर्जी आईडी पर सिम एक्टिवेट किए जाने की जानकारी पुलिस को दी थी। उसी समय से एसएसपी ने इस पर गंभीरता से कार्य शुरू करा दिया था।

कंप्यूटर से बनाते हैं फर्जी आईडी : एएसपी श्री राय ने बताया कि परिवहन विभाग ने वर्ष 2013 में मैनुअल ड्राइविंग लाइसेंस पर रोक लगा रखी है। जबकि मिले ड्राइविंग लाइसेंस 2 नवंबर 2014 को जारी दिखाई गई हैं। इसके लिए आवेदक की एक फोटो लेकर उसी से आईडी बनाकर ऊंची कीमत पर सिम को बेंचने का धंधा किया जा रहा था।

तो, आतंकी तक पहुंच सकते हैं सिम : जिले में जिस तरह से प्री एक्टिवेट सिम फर्जी आईडी पर बेचे जाने का भंडाफोड़ हुआ है, इस तरह से तो आतंकियों को भी आसानी से ऊंची कीमत अदा कर सिम प्राप्त हो सकते हैं।


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