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हादसे ने जीवन में भर दिया अंधेरा

हरदोई, जागरण संवाददाता : मंगलवार को हुए हादसे ने दीपावली से दो दिन पहले उसके जीवन में घोर अंधेरा कर

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 06:01 PM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 06:01 PM (IST)
हादसे ने जीवन में भर दिया अंधेरा

हरदोई, जागरण संवाददाता : मंगलवार को हुए हादसे ने दीपावली से दो दिन पहले उसके जीवन में घोर अंधेरा कर दिया। शादी के बाद पहली दीपावली की तैयारियां मातम में बदल गई और मांग का सिंदूर भी उजड़ गया।

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कोतवाली शहर क्षेत्र के समुदा निवासी उदयराज सिंह (22) पुत्र सुरेश सिंह के दो भाई अमर पाल सिंह और विजय सिंह हैं। सभी खेती किसानी करते हैं। उदयराज की शादी उन्नाव जनपद के औरास थाना क्षेत्र के फतेहाबाद गढ़ी निवासी शिशुपाल सिंह की पुत्री निधि सिंह से 19 मई 2014 को शादी हुई थी। शादी के बाद निधि ने पहली करवा चौथ पर पति की लंबी आयु की कामना की थी, लेकिन उसे क्या पता था कि पहली दीपावली को वह सुहागन रहते नहीं मना पाएंगी। वह धनतेरस और दीपावली को मनाने की तैयारियों में जुटी थी कि दीपावली से दो दिन पहले मंगलवार शाम को मिली हादसे की सूचना ने उसके जीवन को अमावस की काली रात बना दिया। मांग का सिंदूर उजड़ गया था। एक झटके में त्योहार की ही नहीं जीवन भर की खुशियां मातम में बदल गई। निधि सिंह के साथ ही परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

बता दें कि उदयराज की बहन रेखा सिंह लोनार थाना क्षेत्र के दुलारपुर निवासी निर्भय सिंह पुत्र सियाराम सिंह को ब्याही है। मंगलवार को बिजली के पोल ट्रैक्टर-ट्राली से ले जाए जा रहे थे। ट्रैक्टर को उदयराज सिंह चला रहा था। हरदोई-सवायजपुर मार्ग पर ट्रैक्टर-ट्राली के पलट गया था। पोल के नीचे दबकर उदयराज की मौके पर ही मौत हो गई थी।

सूखे की मार से बचने को लगवाया था नलकूप : लोनार थाना क्षेत्र के दुलारपुर निवासी सियाराम के परिवार में पत्‍‌नी, एक पुत्र निर्भय सिंह, चार पुत्रियां हैं। परिवार के पालन-पोषण की व्यवस्था खेती किसानी से होने वाली आमदनी से होती है। उन्होंने फसलों के लिए पानी की व्यवस्था के लिए ही नलकूप लगवाया है। उसी के विद्युतीकरण के लिए ही मंगलवार को वह ट्रैक्टर-ट्राली से बिजली के पोल लेकर जा रहे थे। नेवादा मोड़ पर हुए हादसे में उनकी जान चली गई।

मासूमों के सिर से उठ गया पिता का साया : दुलारपुर निवासी देवेंद्र सिंह के दो भाई शैलेंद्र सिंह और ज्ञानू हैं। देवेंद्र ने भी खेतों की सिंचाई के लिए नलकूप लगवाया है। वह भी विद्युतीकरण कराने के लिए पोल लेने अपने चाचा सियाराम के साथ आए थे। परिवार में उनकी पत्‍‌नी किरन, पुत्री प्रतिभा (8), पुत्र राज (6) है। मंगलवार को हुए हादसे में देवेंद्र सिंह की मौत हो गई। उनकी मौत से मासूमों के सिर पिता का साया ही उठ गया है।


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