जीवन के अंधकार में विश्वास की ज्योति जलाएं
हरदोई, जागरण संवाददाता : शारदीय नवरात्र के सांतवे दिन मां कालरात्रि का पूजन कर मां से कामना की गई कि
हरदोई, जागरण संवाददाता : शारदीय नवरात्र के सांतवे दिन मां कालरात्रि का पूजन कर मां से कामना की गई कि जीवन के गहन अंधकार में भी विश्वास की ज्योति जलाएं।
बावन के आचार्य देवेंद्र अवस्थी ने बताया कि नवरात्र के सांतवें दिन शक्ति के कालरात्रि रूप का ध्यान किया जाता है। तो तमाम विसंगतियों के बाद भी हमारे जीवन में उम्मीद को जगाए रखने का काम करता है। मां कालरात्रि का तन अंधकार की तरह काला है, वहीं गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र ब्रम्हांड की तरह गोल है। जिनसे विद्युत की ज्योति चमकती रहती है। उनके श्वास-प्रश्वास से अग्नि की ज्वालाएं निकलती हैं। इनका वाहन गर्दभ है। भले ही उनका स्वरूप प्रतीकात्मक अर्थो में हमारे भीतर आशा का संचार करता है। उनका काला रंग और उनके गले में ज्योति-माला हमें जीवन के गहन अंधकार में भी आशा और विश्वास की ज्योति सदैव जलाए रखने का संदेश देती है। ब्रम्हांड के समान उनके नेत्र हमें भेदभाव दूर कर पूरे संसार को समग्रता में दिखने की प्रेरणा देते हैं।
आचार्य श्री ने बताया कि मां का संदेश है कि अंधकार से कभी घबराना नहीं चाहिए क्योंकि अंधकार से ही प्रकाश का प्रादुर्भाव होता है।
बावन चुंगी पर मूर्ति स्थापित कर मुहल्ले वासियों की ओर से पूजन किया गया। इस मौके पर नित्य सुबह व शाम को मां की आरती व भजन का आयोजन किया जाता है।
श्रीश्री सार्वजनीन दुर्गा पूजा समिति की ओर से अग्रवाल धर्मशाला में महासप्तमी का पूजन किया गया। इस मौके पर पूर्वाह्न 11.30 बजे से चित्रकला प्रतियोगिता 12 वर्ष तक के बच्चों की हुई। शाम 3 बजे से शंखनाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।