शव को सड़क पर रख लगाया जाम
बिलग्राम, संवाद सहयोगी : जिला कारागार में आत्महत्या के बाद शव गांव पहुंचते ही परिजन भड़क उठे। परिजनों ने रविवार को हरदोई-बिलग्राममार्ग पर शव को रखकर जाम लगा दिया। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। अधिकारियों से कई चरणों में वार्ता के बाद स्थिति सामान्य हुई और तब कहीं जाकर परिजनों के साथ ग्रामीण जाम खोलने के लिए राजी हुए।
बिलग्राम कोतवाली अंतर्गत ग्राम हैबतपुर निवासी रामचंद्र (35) ने 22 अगस्त को अपनी पत्नी रमाकांती (32) का सिर कलम कर दिया था। कटे हुए सिर एवं बांके के साथ कोतवाली जा रहे रामचंद्र को पुलिस ने रास्ते में ही गिरफ्तार करके अगले दिन जेल भेज दिया था। शनिवार को उसने जिला कारागार में ही फांसी लगा कर जान दे दी थी। जिला मुख्यालय पर परिजनों ने हंगामा काटा था। पोस्टमार्टम के बाद शनिवार की देर शाम शव पहुंचने पर परिजन भड़क उठे और जेल में आत्महत्या से हुई मौत का दोषी प्रशासन को ठहराते हुए मुआवजा की मांग करने लगे। रविवार को सुबह लगभग सात बजे ही शव को हरदोई मार्ग पर रख कर जाम लगा दिया। शव के निकट बैठी मृतक की मां रामश्री (65), बहन किरन(30), भाई मुकेश, चाचा मूलचंद्र एवं अन्य परिजन मौके पर किसी उच्च अधिकारी को बुला कर मुआवजे की मांग पर कोई ठोस आश्वासन चाहते थे।
पांच घंटे तक रही अफरातफरी : सुबह लगभग सात बजे हरदोई मार्ग पर शव रख कर चक्का जाम लगाने की सूचना मिलते ही सीओ विजय त्रिपाठी, कोतवाल श्याम बहादुर सिंह मौके पर पहुंच गए। लगभग साढ़े आठ बजे उप जिलाधिकारी पीपी तिवारी के साथ मृतक के भाई मुकेश एवं मां से वार्ता हुई। मौके पर मौजूद ग्राम प्रधान रामकृपाल एवं सपा नेता सुभाष पाल ने भी परिजनों को समझाया। जिसके बाद मुआवजे के लिए डीएम को संबोधित एक मांग पत्र मुकेश ने उप जिलाधिकारी को देकर धरना समाप्त करते हुए शव को मार्ग से हटा लिया। अधिकारियों के चले जाने के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण फिर मौके पर एकत्र हो गए और फिर जाम लगाने के लिए रणनीति बनाने लगे। जिसके बाद अन्य थानों से भी पुलिस बल बुला लिया गया। मौके की नजाकत एवं पुलिस के कड़े रुख को देखते हुए ग्रामीण कुछ समय बाद तितर बितर होने लगे। जिसके बाद शव को दाह संस्कार के लिए ले जाया गया।
बेसहारा बच्चों की परवरिश की है चिंता
मां और बाप की मौत के बाद बेसहारा हुए पांच बच्चों की चिंता से उनकी दादी रामश्री परेशान थी। हाथ जोड़ कर अधिकारियों से सिर्फ वह एक ही प्रार्थना कर रही थी कि सरकार से कुछ मदद मिल जाए तो इनका जीवनयापन हो सकता है।
रागिनी (10), सुहासिनी (8), वीरेश (6), नंदनी (4) तथा डेढ़ वर्षीय लव बच्चे मृतक के हैं। उसके नाम से मात्र आधा बीघा भूमि है। जीवनयापन न होने के कारण उसने बाहर की राह पकड़ी थी, लेकिन आठ दिन के अंदर ही सब कुछ तबाह हो गया। मां, बाप के बिना बच्चे कैसे बड़े होंगे इससे दादी एवं परिजन चिंतित दिखाई पडे़। मृतक के तीन भाई रामसच्चे, सर्वेश एवं मुकेश के भी बड़े परिवार हैं। ऐसे में इन बेसहारा बच्चों का पालपोस कर कौन बड़ा करेगा यह चिंता न सिर्फ परिजनों को सता रही है बल्कि गांव वालों की आंखें भी द्रवित हो जाती हैं।
पुलिस ने धैर्य से किया काम
पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने संयम से काम लिया। गांव में रात भर पुलिस तैनात रही। कोतवाल भी रात में काफी देर तक परिजनों को समझाते रहे। जिसके चलते धरना उग्र नहीं हुआ और हालात सामान्य बने रहे।
15 नामजद 150 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज
बिलग्राम: हैवतपुर में शव को सड़क पर रखकर जाम लगाना भारी पड़ गया है। कोतवाल एसबी सिंह ने बताया कि जाम लगाकर बवाल मचाने पर मुकेश, सर्वेश, रामसच्चे, विपिन, विमलेश, अजय, श्यामू, दिनेश, विनोद, पिंटू, मितान, फूल सिंह, वासुदेव सहित 15 और 150 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।