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दलितों को मंदिर जाने से रोकने पर हमीरपुर में तनाव

हमीरपुर में दलितों को मंदिर में प्रवेश न देने के मामले ने तूल पकड़ लिया। दलितों ने पुजारी पर भगाने का आरोप लगाया है। इससे गांव में तनाव का माहौल है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 22 Aug 2017 07:07 PM (IST)Updated: Tue, 22 Aug 2017 11:32 PM (IST)
दलितों को मंदिर जाने से रोकने पर हमीरपुर में तनाव
दलितों को मंदिर जाने से रोकने पर हमीरपुर में तनाव

हमीरपुर (जेएनएन)। दलितों को मंदिर में प्रवेश न देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दलितों ने पुजारी पर भगाने का आरोप लगाते हुए अब मंदिर जाने से इन्कार कर दिया है। इससे गांव में तनाव का माहौल है। हालांकि मंदिर के पुजारी का कहना है कि नशे की हालत में मंदिर आए लोगों को ही लौटाया था। उप जिलाधिकारी का भी दावा है कि पुलिस, कानूनगो व लेखपाल से घटना की जांच कराई तो इसमें नशेबाजों को मंदिर में आने से रोकने की ही जानकारी मिली है।

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हमीरपुर के ग्राम गढ़ा में जुलाई से रामजानकी मंदिर में अखंड रामायण का पाठ चल रहा है। ग्र्रामीण मंदिर में पाठ करने के लिए आते हैं। सोमवार को मामले में नया मोड़ आ गया जब शराब पीकर आए एक युवक को पुजारी ने वहां से भगा दिया। इसके बाद पुजारी ने दरवाजे में तख्ती लिखकर टांग दी कि दलित बिरादरी के लोगों के मंदिर में रामायण पढऩे आने की रोक है। इसके बाद गांव में चर्चाएं शुरू हो गईं और कुछ लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। लोगों का कहना था कि रामायण पढऩे आए कई पिछड़ी व अन्य बिरादरी के लोगों को वहां से उठा दिया गया। इसकी भनक लगते ही पुजारी ने आनन-फानन तख्ती को वहां से हटा दिया। 

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ग्राम गढ़ा निवासिनी छात्रा नीलम प्रजापति ने बताया कि उसे रामायण पढ़ते वक्त यह कहकर वहां से भगा दिया गया कि बाहर लिखी तख्ती के अनुसार केवल बड़ी जाति के लोगों को ही पढऩे की इजाजत है। इसी तरह चुनकू ने बताया कि वह मंदिर रामायण पढऩे जा रहा था तभी पुजारी ने मंदिर के बाहर लगी तख्ती की सूचना का हवाला देकर हाथ पकड़कर उठा दिया।  इसी तरह शहीदा कुटार ने बताया कि उसे छह दिन पूर्व रामायण पढऩे से रोककर भगा दिया गया वहीं कुछ अन्य ग्रामीणों ने गांव में रहने और विवाद का हवाला देकर नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वह रामायण पढ़ते समय हमें उठा दिया गया था, अब हम मंदिर में कभी नहीं जाएंगे। 

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इधर पुजारी कुंवर बहादुर ने बताया कि मंदिर उसके पूर्वजों का है। जिस पर आज तक किसी को भी पूजा करने व अंदर जाने से नहीं रोका गया। केवल मांस-मदिरा का सेवन कर आने वाले लोगों को मना किया गया है ताकि मंदिर की पवित्रता बनी रहे। केवल वहीं लोग इस बात को तूल दे रहे हैं जो मांस मदिरा में लिप्त रहते हैं।

उपजिलाधिकारी सुरेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जानकारी होने पर लेखपाल, कानूनगो व थाना प्रभारी सिसोलर राजेश कुमार ङ्क्षसह को मौके पर पहुंचकर पूरी रिपोर्ट देेने को कहा गया था। जिस पर उन्होंने बताया कि मंदिर से दलित व जाति विशेष के लोगों का प्रवेश रोकने का मामला नहीं है। केवल कुछ अराजकतत्व जो शराब पीकर मंदिर में प्रवेश करते थे, उन्हें ही रोका गया था। जिस पर उन्होंने बात का बतंगड़ बना दिया। 


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