तालाबों से कब्जा हटवाने की मांग की
मौदहा, (हमीरपुर) संवाद सहयोगी : ग्राम अतरा में गांव के चारों कोनों में तालाब थे। जिनका रकबा भी हेक्ट
मौदहा, (हमीरपुर) संवाद सहयोगी : ग्राम अतरा में गांव के चारों कोनों में तालाब थे। जिनका रकबा भी हेक्टेयरों में था। लेकिन विस्तार नीति के कारण तालाबों के ऊपर मकान व चबूतरे बनवाकर उसे आधे से अधिक बंद कर रखा है।
ग्राम अतरार में चारों कोनों में बड़े-बड़े तालाब बने हुए हैं। जो अति प्राचीन हैं। जिसमें दामी तालाब सबसे बड़ा तालाब है। उसमें भी कालोनी किनारे पर बनी है। उसका नाप दान लोगों ने तालाब की ओर कर रखा है। इसी तरह दूसरा बड़ा तालाब सागर तालाब है। जो बड़े रकबे में बनाया गया था। लेकिन उसके आधे से अधिक भाग में लोगों ने अपने मकान व चबूतरे एवं बाड़े बनाकर अतिक्रमण कर रखा है। बरसात के पानी के तालाब में जाने का भी रास्ता बंद कर दिया गया है। इसी तरह महमला तालाब में भी उसके किनारे मकानों की बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी हो गई हैं। तालाब 1-4 प्रतिशत भी नहीं बचा है। सबसे बड़ी दुर्गति ऐतिहासिक चौपरा तालाब की है। जिसमें लोग भैंस, कंडा व चरही बनाकर लोग कब्जा कर रहे हैं। यहां पर जब गांव अस्तित्व आया तब से यहां कंस वध मेला लगता आ रहा है। इसी तालाब में श्री कृष्ण द्वारा कंस मेला में नाग नाथ उत्सव भी बड़ी भव्यता से होता है। ऐतिहासिक तालाब को बचाने के लिए गांव के वर्तमान प्रधान पति श्यामबाबू श्रीवास ने उपजिलाधिकारी व कोतवाली प्रभारी को पत्र लिखकर अतिक्रमण रोके जाने की गुहार लगाई है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। ग्राम के जगदीश दीक्षित, राज कुमार तिवारी, महेश्वरीदीन सहित दर्जनों लोगों ने तालाबों के अस्तित्व को बचाने की गुहार लगाई है।