Move to Jagran APP

लूटने को तैयार मिलावट का बाजार

हमीरपुर, जागरण संवाददाता: नवरात्र त्योहार आते ही भक्त देवी मां की पूजा अर्चना की तैयारी में लग जाते

By Edited By: Published: Mon, 12 Oct 2015 06:04 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2015 06:04 PM (IST)

हमीरपुर, जागरण संवाददाता: नवरात्र त्योहार आते ही भक्त देवी मां की पूजा अर्चना की तैयारी में लग जाते हैं वहीं इस मौके का फायदा उठाने के लिए कुछ मिलावट के कारोबारी अपना फायदा निकालने की जुगत भिड़ा रहे हैं। भक्त जहां पूजन हवन के साथ व्रत रखते हैं वहीं स्वल्पाहार के लिए फल व अन्य सामग्री खरीदते हैं। आस्था व विश्वास के इस पर्व को ज्यादा मुनाफा कमाने वाले मुनाफाखोरों ने नही छोड़ा है। व्रत के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियों में अखाद्य सामग्री मिलाकर बेच रहे हैं।

loksabha election banner

नवरात्र आज से प्रारंभ हो रहे हैं। घरों में तैयारी लगभग पूरी हो चुकी हैं। बाजार भी इस मौके का फायदा उठाने के लिए सज गए हैं। कहीं फल तो अन्य पूजन सामग्री के साथ व्रत में खाने की अन्य वस्तुवें सजी लगी हैं। लेकिन जरा सावधान जो सामान आप खरीद रहे हैं जरा उसे गौर से परख लेना कहीं मिलावट के फेर में पड़कर खराब सामान न मिल जाए। यह मिलावटी वस्तुएं शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। इनसे कई प्रकार के भयानक रोग होने की प्रबल संभावनाएं होती है। बेहतर होगा कि इस सामग्रियों को उपयोग में लाने से पूर्व इन्हे अच्छी तरह से जांच लें ताकि होने वाले दुष्परिणामों से बचा जा सके।

उपयोग होने वाली सामग्रियों में मुख्य रूप से सिंघाड़े का आटा, कूटू का आटा, साबूदाना, सेंधा नमक व फल होते है।

की जाने वाली मिलावट

सिंघाड़े का आटा लोग व्रत के दौरान खाने के रूप में करते हैं। ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसमें कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने वाले मिलावटखोर कई प्रकार की अखाद्य वस्तुएं मिलाकर बेच रहे हैं। सिंघाड़े के आटे में चावल के टुकड़ों को पीस कर मिलाते हैं। इसमें भूसी व आरारोट भी मिलाया जाता है। खराब संक्रमित सिंघाड़ा भी पीस कर मिलाया जाता है। जिसको खाने से गैस्ट्रोइंटाइटिस, कोलाइटिस, अल्सर जैसी खतरनाक बीमारियां होती है। असली सिंघाड़े का आटा छूने में दरदरा व हल्की मिठास वाला होता है। कूटू का आटा व्रत के दौरान खाद्य सामग्री के रूप में प्रयोग होता है। इसमें आरारोट, काला रंग व किनकी जैसी वस्तुओं की मिलावट की जाती है। मिलावटी आटा खाने से पाइल्स, डिसेन्ट्री व खूनी आंव जैसी बीमारियां होती है। व्रत के दौरान खाए जाने वाले साबूदाना में अधिकांश चावल के आटे व किनकी की मिलावट की जाती है। जिसकी वजह से गले में खराश, सरसराहट, चुभन, छाले व खून की उल्टी होती है।

व्रत के दौरान प्रयोग होने वाले सेंधा नमक में भी मिलावट की जाती है। उत्पादन कम होने के कारण सेंधा नमक सादे नमक से महंगा होता है इसलिये इसकी मात्रा को बढ़ाने के लिए इसमें सादा नमक व रासायनिक पाउडर मिलाया जाता है। जो हानिकारक होता है।

फल भी नहीं अछूते

व्रत के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले फलों को जल्दी पकाने के लिए उसमें कारबाइड जैसे खतरनाक रासायनिक केमिकल का प्रयोग होता है। केले को इसी विधि द्वारा जल्द पकाया जाता है जो सेहत के लिए बड़ा नुकसानदायक होता है। इसको खाने से लीवर सिरोसिस, इंटेस्टाइनल, लीवर कैंसर, आक्सट्रेसन आदि बीमारियां होती है। सेब को चमकाने व सुंदर दिखाने के लिए इस पर वैक्स किया जाता है जिससे स्किन कैंसर का खतरा होता है।

डाक्टर की सलाह

''व्रत के दौरान खानपान का विशेष ध्यान रखें, बाहर की चीजों से परहेज करें, मिलावट तो हो रही है हर चीज में, इसको रोक पानी कठिन है, फिर भी फल, दूध वगैरह ले सकते हैं, तली हुई चीजों से परहेज करें। व्रत में पानी की कमी न होने दें, हर आयु के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अलग-अलग होती है, इस लिए वृद्धों और महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए। '' आरएस यादव, सीएमएस, महिला सदर अस्पताल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.