शहर का जाम बना नासूर
हमीरपुर जागरण संवाददाता: मुख्यालय के बस स्टाप के पास दिन भर जाम लगा रहता है। डग्गामार वाहनों व रोडवे
हमीरपुर जागरण संवाददाता: मुख्यालय के बस स्टाप के पास दिन भर जाम लगा रहता है। डग्गामार वाहनों व रोडवेज बस चालकों की मनमानी से राहगीरों को जाम की मुसीबत से दो चार होना पड़ता है। कभी-कभी तो लोगों को यहां से पैदल निकलना भी दूभर हो जाता है। डग्गामार वाहन चालक सड़क पर ही अपने वाहनों को आड़ा तिरछा खड़ा कर देते है। जिससे बाइक चालकों व पैदल चलने वालों को निकलने के लिए जगह नहीं मिल पाती है।
शहर के बीचो बीच में जाम लगने से घंटों राहगीरों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी छोटे वाहनों को उठानी पड़ती है। रोडवेज की बसे भी बस स्टाप के अंदर जाने के लिए काफी देर तक सड़क पर खड़ी रहती है। जिससे और जाम लग जाता है। रोडवेज चालक बसों को सड़क पर ही खड़ी करके सवारियों को बैठाते व उतारते है। जिससे आम राहगीर को परेशान हो जाता है। डग्गामार वाहन चालक भी सड़क पर अपनी गाड़ियों को खड़ा कर इधर उधर घूमते रहते है। सड़क पर वाहन खड़े होने से लोग इधर से उधर निकल नहीं पाते हैं। जो जहां पर खड़ा होता है वह वही पर ही खड़ा हो जाता है। जब डग्गामार वाहन हटते है तो लोग निकल पाते है। सड़कों के किनारे लगने वाली ठेलियां भी जमकर अपनी मनमानी करते हैं।
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डग्गामार वाहनों पर नहीं होती कार्रवाई
कोतवाली पुलिस डग्गामार वाहनों पर अपनी हमदर्दी बरसा रही है। जब कभी प्रशासन का अधिक दबाव हुआ तो एक दो वाहनों को हिदायत देकर खाना पूरी की जाती है। पुलिस द्वारा अगर डग्गामार वाहनों पर पूरी तरह से अंकुश लगा दिया जाए तो आम राहगीरों को जाम से छुटकारा मिल सकता है। लेकिन पुलिस डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई करने का मन ही नहीं बना रही है।
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डग्गामार वाहन देते माहवारी
डग्गामार वाहन चालकों से जब इस संबध में बात की कई तो नाम न छापने की शर्त पर बताया कि महिने में कोतवाली पुलिस को पंद्रह सौ रुपए देना पड़ता है। अगर सड़क पर वाहनों को खड़ा करके सवारियां नहीं बैठाएंगे तो पैसा कहा से आएगा। वाहन चालकों ने कहा कि हमलोगों को एक स्थाई जगह मिल जाए तो बस स्टाप के पास वाहनों को नहीं खड़ा करे।
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दुकानदार भी नहीं हैं कम
बस स्टाप के पास चाय पान की दुकाने चलाने वाले व ठेलिया में समान बेचने वाले भी जाम की समस्या को बढ़ाने के लिए कम नहीं है। सड़क तक पैला कर दुकानदार दुकाने खोल रखी हैं। लोगों को निकलने में भारी समस्या उठानी पड़ती है। वही ठेलिया में समान बेचने वाले दुकानदार भी सड़क पर ही अपनी ठेलिया को खड़ा करते हैं। जिससे लोगों को मुसीबत उठानी पड़ती है।
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पुलिस बनी रहती है मूक दर्शक
बस स्टाप के पास कोतवाली के सिपाई व यातायात के सिपाही हमेशा मौजूद रहते हैं। लेकिन जाम लगने पर वह लोग वहां से हट कर किसी चाय की दुकान में बैठ जाते है। पुलिस का कोई भी सिपाही जाम को खुलवाने की जहमत नहीं उठाता है। लोगों को अपने आप ही इधर उधर से किसी तरह निकलना पड़ता है।