पंचायत)आरक्षण में सब कुछ होगा उलट-पलट
हमीरपुर, जागरण संवाददाता: जो सीट पंचायत चुनाव में जिस वर्ग के लिए अभी तक आरक्षित नहीं हुई उसको उस वर
हमीरपुर, जागरण संवाददाता: जो सीट पंचायत चुनाव में जिस वर्ग के लिए अभी तक आरक्षित नहीं हुई उसको उस वर्ग के लिए वरीयता की श्रेणी में रखा जा सकता है। आरक्षण को लेकर आयोग का कुछ ऐसा ही निर्देश है। आरक्षण के लिए दी गई ट्रेनिंग में अधिकारियों को इसी का ज्ञान भी दिया गया है। बीते चार बार के पंचायत चुनाव में लागू आरक्षण की मदद भी इसीलिए ली जा रही है।
पंचायत चुनाव 2015 में सीटों पर आरक्षण लागू करने को लेकर प्रशासन से लेकर आयोग तक काफी सर्तकता बरत रहा है। आयोग के अनुसार इस बार लागू होने वाला आरक्षण पिछले चार चुनावों का मिला जुला अंश हो सकता है। बीते चुनावों में चक्रानुक्रम में आरक्षण लागू किया गया था। इस बार हो रहे चुनाव में पंचायत में कौन सी सीट आरक्षण के लिहाज से कहां जा सकती है इसकी तस्वीर भी कुछ-कुछ साफ है। यानी बीते चुनाव में जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित थी संभव है उसमें उसे नहीं रखा जाएगा। वहीं यह भी आयोग की ओर से साफ है कि आरक्षण लागू करने के दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित हो रही है बीते चार चुनावों के दौरान किसी भी वर्ष में वह सीट उस वर्ग के लिए आरक्षित तो नहीं हुई। कुल मिलाकर जिला निर्वाचन विभाग के लिए पंचायत चुनाव का सबसे बड़ा पहला मैदान मारना आरक्षण लागू करना है। गांवों में चुनावी चख-चख तेज तो है लेकिन सीट किस करवट बैठेगी इसको लेकर आशंका के बादल भी हैं।
वैसे आयोग की ओर से संभावना है कि 13 से 14 सितंबर को अधिसूचना जारी हो सकती है। जिले में चार चरणों में चुनाव होना है। जिले में 2010 में कुल 314 ग्राम पंचायतें थीं। इस बार 25 पंचायतें बढ़ी हैं। मतदाता पिछली बार की संख्या के अनुपात में घटे हैं। आयोग आरक्षण लागू करने में पूरी पारदर्शिता बरत रहा है।