धूमधाम से मनाया गया नेता जी का जन्मदिवस
हमीरपुर जागरण संवाददाता: भारत को अंग्रेजी शासन से मुक्त कराने के लिए आईएस की नौकरी को त्याग कर देश क
हमीरपुर जागरण संवाददाता: भारत को अंग्रेजी शासन से मुक्त कराने के लिए आईएस की नौकरी को त्याग कर देश की आजादी में महती भूमिका का निर्वाह किया। और बाद में हिंद फौज की स्थापना कर अंग्रेजों के दांत खट्टे किए। उक्त वक्तव्य युवा संमेलन में मुख्य वक्ता विजय पाण्डे ने कही।
शुक्रवार को शहर के चौरादेवी मंदिर परिसर में राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ ने आजाद हिंद फौज के संस्थापक सुभाषचंद्र बोस के जन्म दिवस पर युवा संमेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता विजय पाण्डे ने युवाओं को संबोधित करते हुए नेता जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नेता जी का जन्म 23 जनवरी सन् 1897 को कटक के एक संपन्न परिवार में हुआ था। नेता जी के पिता जानकीनाथ बोस शहर के प्रसिद्व वकील थे। माता प्रभावती साधारण गृहणी थी। बोस के 14 भाई-बहन थे। जिसमें बोस 9 वी संतान थे। बोस सबसे अधिक अपने भाईयों में शरदचंद्र से प्रेम करते थे। बोस की प्रारंभिक शिक्षा रेवेंशांव कालेंजिस्ए स्कूल में हुई थी। भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी को लेकर बोस इंलैण्ड के केंब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। बोस आईएस की परीक्षा में 14 वे स्थान पर रहे। नगर प्रचारक हमीरपुर दीपक ने अपने संबोधन में कहा की 1921 ई. में भारत में बढ़ती राजनीति का समाचार पाकर बोस भारत वापस लौट आए। राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़ गए। बोस गांधी जी के अहिंसा के विचारों से सहमत नहीं थे। गांधी जी को सर्वप्रथम बोस ने ही राष्ट्रीय पिता कहकर पुकारा था। 1938 ई. में कांग्रेस के अध्यक्ष बनने पर राष्ट्रीय योजना आयोग का गठन किया। 1939 ई. को वह गांधी जी के प्रत्यासी को हरा कर दुबारा अध्यक्ष बन गए। गांधी जी के विरोध के बाद बोस ने कांग्रेस को छोड़ दिया। बोस ने 1943 ई. को आजाद हिंद फौज का गठन किया। आजाद ने 4 जुलाई 1944 ई. को वर्मा में अपना प्रसिद्व नारा तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा दिया। 18 अगस्त 1945 ई. को टोकियो जाते समय एक हवाई दुर्घटना में नेता जी की मौत हो गई। लेकिन नेता जी का शव नहीं मिला। आज भी नेता जी की मौत का रहस्य बना हुआ है। उहोंने युवाओं को देश की रक्षा व विकास पर बढ़ चढ़ कर भाग लेने को प्रेरित किया। इस मौके पर अनूप निषाद, अधिवक्ता राजेश शुक्ला, सुसील कुमार, अनरुद्व शुक्ला, बाबूराम अवस्थी, विवेक कुमार, मनोज कुमार, आशुतोष प्रजापति, हेमेंद्र सिंह आदि एक सैकड़ा युवा मौजूद रहे।